Download the all-new Republic app:

Published 00:10 IST, September 3rd 2024

बिहार : पंचायती राज संस्थाओं के लिए प्रबंधन विकास कार्यक्रम आईआईएम-बोधगया में शुरू

बोधगया स्थित IIM में आठ राज्यों के PRI के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के लिए पांच दिवसीय प्रबंधन विकास कार्यक्रम सोमवार को शुरू हुआ।

Follow: Google News Icon
×

Share


IIM बोध गया | Image: IIM Bodh Gaya

बिहार के गया जिले के बोधगया स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में आठ राज्यों के पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के लिए पांच दिवसीय प्रबंधन विकास कार्यक्रम सोमवार को शुरू हुआ।

यह कार्यक्रम केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आईआईएम-बोधगया के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जो छह सितंबर तक चलेगा।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सात राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 35 पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि और पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।

केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, "इस कार्यक्रम का आयोजन पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के लिए किया गया है, जिसमें पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधिगण और विभिन्न पंचायत अधिकारी शामिल हैं।"

इस कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के नेतृत्व, प्रबंधन और शासन कौशल को बढ़ाना है।

यह पहल स्थानीय शासन को मजबूत करने और ग्रामीण आबादी को बेहतर सेवाएं देने के लिए पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय की प्रतिबद्धता पर जोर देती है।

पांच दिवसीय इस कार्यक्रम कै दौरान नेतृत्व, प्रबंधन और नैतिकता, ग्रामीण नवाचार, स्वयं के स्रोत राजस्व (ओएसआर) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आदि के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाएगा।

बयान में कहा गया, "यह उम्मीद की जाती है कि यह कार्यक्रम भारत में स्थानीय शासन की प्रभावशीलता और दक्षता में सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। पंचायतें ग्रामीण आबादी को बुनियादी सुविधाएं और शासन प्रदान करने के लिए जिम्मेदार जमीनी स्तर की एजेंसियां ​​हैं।"

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वयं के स्रोत राजस्व (ओएसआर) को बढ़ाने पर है, जो वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने और पंचायतों को "सक्षम" पंचायतों में बदलने के लिए आवश्यक है। अपनी वित्तीय स्वतंत्रता को मजबूत करके, पंचायतें स्थानीय जरूरतों को बेहतर ढंग से संबोधित कर सकती हैं और ग्रामीण विकास को आगे बढ़ा सकती हैं।

बयान के अनुसार, “कार्यक्रम प्रतिभागियों को नवीनतम प्रबंधन सिद्धांतों, उपकरणों और कौशल से भी परिचित कराता है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य ग्रामीण शासन में कॉर्पोरेट-स्तर की व्यावसायिकता लाना है, जिससे संसाधनों का प्रभावी और कुशल उपयोग सुनिश्चित हो सके। इन उन्नत प्रथाओं को अपनाकर, पंचायतें ग्रामीण भारत में समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।”

बयान में कहा गया है कि यह उम्मीद की जाती है कि यह कार्यक्रम भारत में स्थानीय शासन की प्रभावशीलता और दक्षता में सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा, जिससे अंततः ग्रामीण विकास में तेजी आएगी और ग्रामीण नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।

Updated 00:10 IST, September 3rd 2024

Recommended

Live TV

Republic Bharat is Bharat's leading news channel.