Published 11:44 IST, September 21st 2024
बिहार: CM ने लिया जायजा, गंगा में जलस्तर बढ़ने से क्या है स्थिति
नीतीश ने पटना और वैशाली जिलों में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण उत्पन्न स्थिति का हवाई सर्वेक्षण करके जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना और वैशाली जिलों में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण उत्पन्न स्थिति का हवाई सर्वेक्षण करके जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे गंगा नदी के निकटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार…
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, नीतीश ने निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहे और लगातार निगरानी करता रहे। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार पूरी सहायता उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसओपी के अनुसार सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं जिसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, सांसद संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार तथा मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे।
गंगा वर्तमान में पटना के गांधी घाट, दीघा घाट और हाथीदाह में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा, हाल के दिनों में वैशाली, सारण, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल और सहरसा में कई नदियों में जल स्तर काफी बढ़ गया है। झारखंड में भारी बारिश के कारण फल्गु और सकरी नदियों के किनारे छोटे बांधों को हुए नुकसान से पटना ग्रामीण और नालंदा जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित इलाकों में पटना के पंडारक और फतुहा प्रखंड के कुछ हिस्से और नालंदा के हिलसा ब्लॉक के गांव शामिल हैं। संसाधन विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि उदेरास्थान बांध से 53,945 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण पटना जिले के पंडारक और फतुहा प्रखंड के इलाके में धनायन नदी के तट पर स्थित बरुआने जमींदारी बांध और सिरपतपुर बांध का कुछ हिस्सा बुधवार रात क्षतिग्रस्त हो गया जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।
बयान में कहा गया है, ‘‘इसी तरह नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड में दो छोटे बांध, जो बहुत ही जर्जर स्थिति में थे, क्षतिग्रस्त हो गए जिससे जमुआर और धुरी बिगहा गांवों के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।’’ बाद में मुख्यमंत्री सहरसा पहुंचे और कोसी नदी पर 414.74 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पुल के निर्माण की आधारशिला रखी। यह पुल सहरसा के खुजरा देवा चौक को डेंग राही घाट से जोड़ेगा। मुख्यमंत्री ने सहरसा में मां बिसहरा भगवती मंदिर के जीर्णोद्धार का उद्घाटन भी किया और पूजा-अर्चना की।
इसके अलावा, कुमार ने मंदिर के पास एक तालाब में मछलियों को चारा भी खिलाया। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम समाप्त होने के तुरंत बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने कार्यक्रम स्थल से निकलने से पहले तालाब से मछलियां पकड़नी शुरू कर दीं।
उन्होंने बताया कि स्थानीय युवक और बच्चे सारी मछलियां ले गए। इस घटना पर कोई वरिष्ठ अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। इस बीच, बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) ने शुक्रवार को गंगा नदी के किनारे स्थित 11 जिलों के अधिकारियों से प्रभावित लोगों के राहत, बचाव और पुनर्वास के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 11:44 IST, September 21st 2024