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Published 20:26 IST, June 7th 2024

अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ पहुंचते ही और फंसा पेंच, ED बोली- CM ने अंतरिम जमानत की इन शर्तों को तोड़ा

Delhi News: अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ पहुंचते ही दिल्ली CM के लिए फिर एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Kunal Verma
अरविंद केजरीवाल | Image: PTI

अखिलेश राय

Delhi News: अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ पहुंचते ही दिल्ली CM के लिए फिर एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। ED ने नियमित जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि CM ने अंतरिम जमानत की शर्तों को तोड़ा है।

ED ने रॉउज एवन्यू कोर्ट में क्या कहा?

- पीएमएलए मामलों में जमानत आवेदन पर पीएमएलए की धारा 45 में निर्धारित अनिवार्य दोहरी शर्तों के आधार पर फैसला  लिया जाना आवश्यक है और जब तक ऐसी शर्तें पूरी नहीं हो जातीं, जमानत नहीं दी जा सकती।

- अरविंद केजरीवाल निश्चित रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री है और इसलिए एक अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति है, इस तथ्य के साथ कि उन पर एक गंभीर आर्थिक अपराध करने का आरोप है और उनके द्वारा सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता है।

- इस मामले में अपराध से हासिल आय और अलग अलग व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।

- अपराध की आय का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है। यदि केजरीवाल को जमानत पर रिहा किया जाता है तो इस मामले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत नष्ट होने की पूरी सम्भावना है

- अरविंद केजरीवाल गंभीर आर्थिक अपराध करने में शामिल है। इस मामले में उनके खिलाफ ऐसे सबूत है जिससे वो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ते है और अगर उनको जमानत दी जाती है तो इस गहरी साजिश का पता लगाने के लिए आगे की जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

- ईडी एक प्रभावी और निष्पक्ष जांच करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।मौजूदा मामले में कुछ प्रमुख पहलुओं पर जांच बेहद अहम चरण में है।

- इस बात की पूरी संभावना है कि केजरीवाल जमानत पर छूटे तो जांच में बाधा डाल सकते है।

- हालांकि व्यक्तिगत स्वतंत्रता सर्वोपरि है, लेकिन यह पूर्ण नहीं है बल्कि राज्य और जनता के हित सहित उचित प्रतिबंधों के अधीन है।

- इस मामले में अरविंद को व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ AAP के प्रमुख के रूप में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था और AAP को भी आरोपी बनाया गया है।

- केजरीवाल नवंबर 2021 में ग्रैन्ड हयात, गोवा में अपने प्रवास और कार्यक्रम को बुक करने के लिए पीओसी (अपराध की आय) का उपयोग किया।

- केजरीवाल का विजय नायर के साथ घनिष्ठ संबंध और यह तथ्य कि विजय नायर केजरीवाल के निर्देशों पर काम कर रहे थे, ये गवाहों के बयानों सहित कई तथ्यों से स्पष्ट है।

- विजय नायर को इस पूरे घोटाले के केंद्र  में पाया गया है, नीति निर्माण से लेकर, रिश्वत की मांग करना और उसके बाद उसका ट्रांसफर रिश्वत देने वालों को बदले में लाभ की व्यवस्था करना शामिल है।

- विजय नायर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी और मीडिया प्रभारी हैं और दिल्ली सरकार में उनकी कोई आधिकारिक भूमिका नहीं है। विजय नायर ने साजिश को अंजाम देने के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों के साथ कई बैठकें कीं।

- मौजूदा मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल ईडी द्वारा 9 बार समन किये जाने के बावजूद जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं होकर पूछताछ से बच रहे थे।

- यहां तक ​​कि तलाशी की दौरान पूछताछ में बयान दर्ज करते समय, वह टाल-मटोल कर सवालों के जवाब देने से बच रहे थे।

- केजरीवाल ने अभी तक अपने फोन का पासवर्ड भी नहीं बताया है जिसमें महत्वपूर्ण  साक्ष्य हो सकते हैं।

- केजरीवाल ने अंतरिम जमानत पर रहते हुए सुप्रीम कोर्ट के 10 मई 2024 के आदेश में लगाई गई शर्तों का भी उल्लंघन किया है। अदालत ने केजरीवाल को चल रहे इस मामले में उसकी भूमिका पर टिप्पणी करने से स्पष्ट रूप से रोक लगाई थी। लेकिन उन्होंने मामले को झूठा, मनगढ़ंत और एक साजिश बताते हुए कई साक्षात्कार, भाषण, प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस शर्त का खुलेआम उल्लंघन किया है।

- ईडी ने अपने जवाब मे कहा है कि अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका को खारिज किया जाना चाहिए।

आपको बता दें कि दिल्ली की रॉउज एवन्यू अरविंद केजरीवाल की जमानत पर 14 जून को सुनवाई करेगा।

Updated 20:27 IST, June 7th 2024

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