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पब्लिश्ड 18:07 IST, September 3rd 2024

बंगाल में रेप-हत्या पर फांसी, पीड़िता का नाम बताने पर 5 साल जेल... 'अपराजिता' बिल में क्या-क्या सजा?

Aparajita Bill: बंगाल विधानसभा में एंटी-रेप बिल पास हो गया है।

Reported by: Digital Desk
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West Bengal: ममता बनर्जी ने बंगाल विधानसभा में 'अपराजिता' एंटी-रेप बिल पेश किया, जिसमें राज्य में बलात्कारियों के लिए मौत की सजा का प्रस्ताव है। यह बिल अब पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। मसौदा कानून में बलात्कार के दोषी व्यक्तियों के लिए मृत्युदंड की मांग की गई है।

इसके अलावा यह बलात्कार के दोषी लोगों के लिए पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करता है। 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक 2024' शीर्षक वाले इस कानून का उद्देश्य बलात्कार और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को संशोधित और पेश करके महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा को मजबूत करना है।

रेप-हत्यारोपियों को फांसी

इस बिल के अनुसार, रेप और हत्या करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस को 21 दिन में अपनी जांच पूरी करनी होगी और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के अंदर फांसी की सजा मिलेगी। इतना ही नहीं, जिन लोगों ने आरोपियों की मदद की होगी, उन्हें 5 साल तक सलाखों के पीछे रहना होगा।

'अपराजिता' टास्क फोर्स

ममता सरकार ने इस बिल में 'अपराजिता' टास्क फोर्स बनाए जाने की भी बात की है। ये फोर्स महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर एक्शन लेगी और आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़कर जेल में डालेगी।

पीड़िता की पहचान बताई तो खैर नहीं

इसके अलावा, पीड़िता की पहचान बताने वालों के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान है।

एसिड अटैक पर भी कार्रवाई

महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर विशेष चर्चा करते हुए इस बिल में एसिड अटैक पर भी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। एसिड अटैक के आरोपियों के लिए इस बिल में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

आपको बता दें कि कोलकाता हत्या-बलात्कार मामले के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को एंटी-रेप बिल पेश करते हुए कहा, ''यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं के उत्पीड़न और बलात्कार के मामलों में कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसमें POCSO अधिनियम के प्रावधानों को और कड़ा किया गया है। मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। बलात्कारियों के लिए यह प्रावधान किया गया है कि अगर उनके कृत्य के परिणामस्वरूप पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या उन्हें गंभीर मस्तिष्क क्षति होती है, इसके तहत अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर सजा दी जाएगीI स्वास्थ्य सचिव से पहले ही कह चुकी हूं कि जिन रूटों पर नर्स और महिला डॉक्टर यात्रा करती हैं, उन्हें कवर किया जाए, इसके लिए मैंने 120 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जहां शौचालय नहीं है, वहां इसकी व्यवस्था की जाएगी।"

ये भी पढ़ेंः बंगाल में महिलाओं के गुनहगारों को नहीं मिलती सजा? कोलकाता रेपकांड के बीच इन आरोपों में कितनी सच्चाई

अपडेटेड 18:07 IST, September 3rd 2024

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