Published 22:37 IST, September 6th 2024
अमेठी : संजय गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दलित बच्चे की मौत, लोगों ने किया प्रदर्शन
मृत बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में गलत इंजेक्शन लगाए जाने से उसकी मौत हुई है। प्रशासन ने मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के मुंशीगंज में स्थित संजय गांधी अस्पताल में उपचार के दौरान दो साल के दलित बच्चे की मौत के बाद परिजन सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने अस्पताल के द्वार पर शव रख कर विरोध प्रदर्शन किया।
मृत बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में गलत इंजेक्शन लगाए जाने से उसकी मौत हुई है। प्रशासन ने मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है, वहीं अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अंशुमान सिंह ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं।
पिछले वर्ष सितंबर माह में उपचार में कथित लापरवाही के कारण एक 22 वर्षीय महिला की मौत के बाद संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को उप्र सरकार के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया था। पिछले वर्ष ही अक्टूबर के पहले सप्ताह में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद अस्पताल का संचालन सुचारू रूप से चल रहा था।
पुलिस के अनुसार जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के मड़ौली निवासी फूल चंद के पुत्र मयांश (दो) को जुकाम बुखार के इलाज के लिए रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मयांश के दादा राजकुमार ने बताया कि रविवार से अब तक मयांश ठीक था, लेकिन आज दोपहर 12 बजे उसे गलत इंजेक्शन लगा दिया गया, जिसके दो मिनट के अंदर ही बच्चे की मौत हो गयी।
उधर, अस्पताल के बाल रोग चिकित्सक डॉ अमित गौड़ ने बताया, ''बच्चे को एंटीफंगल इंजेक्शन लग रहा था, जिसमें ओवर डोज से भी कुछ नहीं होता है। इसमें मां ने बच्चे को दूध पिलाया जो सांस की नली में चला गया, जिससे बच्चा सांस नहीं ले पाया और उसकी मौत हो गयी।''
अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ अंशुमान सिंह ने बताया कि उक्त मामले में जांच के आदेश दिए गये हैं । सिंह ने कहा, ‘‘एसीएमओ डॉ राम प्रसाद और डॉ पी के उपाध्याय की दो सदस्यीय टीम को जांच की जिम्मेदारी दी गई है!''
सीएमओ ने भरोसा दिया, ''जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी।'' उधर अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अवधेश शर्मा ने बताया कि अस्पताल पर लगाये जा रहे आरोप पूरी तरह निराधार है ।
उन्होंने कहा कि अस्पताल के बाल रोग चिकित्सक बच्चे का इलाज कर रहे थे। अभी तक अस्पताल गेट पर शव रखकर परिजन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अस्पताल के पास पुलिस की टीमें तैनात कर दी हैं।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 22:37 IST, September 6th 2024