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पब्लिश्ड 14:31 IST, April 19th 2024

एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में बाबा रामदेव की SC से गुहार, बिहार-छत्तीसगढ़ में दर्ज FIR पर ना हो एक्शन

एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में बिहार-छत्तीसगढ़ में दर्ज FIR को लेकर बाबा रामदेव ने SC से गुहार लगाई कि इनपर एक्शन ना हो।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Kanak Kumari Jha
एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में बाबा रामदेव ने SC से मांगी राहत | Image: X @KhandekarOmkar and PTI

कोरोना महामारी के दौरान एलोपैथी को लेकर टिप्पणी करने के मामले में बिहार-छत्तीसगढ़ में दर्ज FIR को लेकर बाबा रामदेव ने SC से गुहार लगाई कि इनपर एक्शन ना हो। रामदेव ने छत्तीसगढ़ और बिहार में कोविड-19 के दौरान एलोपैथिक इलाज पर उनकी टिप्पणी को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की याचिका पर छत्तीसगढ़, बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को कहा की ये मामला 2021 का है, इसमें जवाब दाखिल करें। मामले की सुनवाई अब गर्मियों की छुट्टियों के बाद होगी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की पटना और रायपुर इकाई ने 2021 में शिकायत दर्ज कराई थी कि रामदेव की टिप्पणियों से कोविड नियंत्रण व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका थी।

गर्मी की छुट्टी के बाद होगी अगली सुनवाई

जस्टिस एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति पी. बी. वराले की पीठ रामदेव की अपने खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि रामदेव को मामले में राहत पाने के लिए शिकायतकर्ताओं को पक्षकार बनाने की जरूरत है। पीठ ने रामदेव को शिकायतकर्ताओं को पक्षकार बनाने की छूट दी और मामले में आगे की सुनवाई ऊपरी अदालत की गर्मी की छुट्टियों के बाद के लिए स्थगित कर दी। बता दें, कोर्ट की गर्मी की छुट्टियां 20 मई से शुरू होंगी। वहीं बिहार सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए।

क्या था बाबा रामदेव का बयान?

कोरोना महामारी के दौरान बाबा रामदेव ने कहा था, “गुलामी की विरासत को मिटाना है। जिस तरह मल्टीनेशनल कंपनियों को शीर्षासन कराया था वैसे ही एलोपैथी को धरती में गाढ़ने का हमने संकल्प लिया है। एलोपैथी वाले जुगाड़ करते हैं। बीमारी का कुछ नहीं होता है। एलोपैथी दवाइयां खाकर लोग अंदर से बीमार बन रहे हैं। एलोपैथी दवाइयों को शरीर गृहण नहीं करता है।”

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में मनुष्य की दवाइयां पशुओं को भी ठीक करती हैं। उन्होंने दावा किया कि आयुर्वेद और गौमूत्र से हमने ब्लड कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर और अन्य कैंसर के मरीजों को ठीक किया है। हेपेटाइटिस बी, यूरिन इन्फेक्शन और अन्य बीमारी से ग्रस्त लोगों का आयुर्वेद से उपचार किया है। आयुर्वेद जितना उपयोगी है। उतनी उपयोगी गाय है।

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अपडेटेड 14:47 IST, April 19th 2024

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