Search icon
Download the all-new Republic app:

Published 15:15 IST, May 14th 2024

जैकी श्रॉफ ने अपने नाम का मिस यूज होने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

अभिनेता जैकी श्रॉफ ने वाणिज्यिक लाभ के लिए कई संस्थाओं द्वारा बिना लाइसेंस के उनके नाम और व्यक्तिगत विशेषता का उपयोग किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

जैकी श्रॉफ | Image: ANI

अभिनेता जैकी श्रॉफ ने वाणिज्यिक लाभ के लिए कई संस्थाओं द्वारा बिना लाइसेंस के उनके नाम और व्यक्तिगत विशेषता का उपयोग किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अभिनेता की ओर से पेश अधिवक्ता ने उत्पाद की बिक्री, रिंगटोन, वॉलपेपर के साथ-साथ ‘अपमानजनक’ मीम और कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई) के उपयोग के जरिए व्यक्तिगत और प्रचार अधिकारों के ‘‘दुरुपयोग’’ पर आपत्ति जताई।

उन्होंने मराठी में बोल-चाल की भाषा के शब्द ‘बिडू’ पर उनके ट्रेडमार्क अधिकारों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने मुकदमे पर संस्थाओं को समन जारी किया और आगे की सुनवाई के लिए मामले को बुधवार को सूचीबद्ध किया।

श्रॉफ के अधिवक्ता ने कहा कि उत्पादों को खरीदने के लिए उपभोक्ताओं को गुमराह करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती ताकि उन्हें लगे कि उत्पादों का समर्थन 200 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता द्वारा किया गया है।

अधिवक्ता ने कहा, ‘‘जैकी श्रॉफ काफी लोकप्रिय हैं। लोग सोचेंगे कि उनके द्वारा उत्पाद का समर्थन किया जा रहा। उनके नाम में यह योग्यता है कि किसी भी उत्पाद को बिक्री के लायक बना सके। उनकी सहमति के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता।’’

अदालत को अवगत कराया गया कि श्रॉफ के अधिकारों का उल्लंघन करते हुए इंटरनेट पर मग, हस्ताक्षरित पोस्टर, बैग जैसे सामान बेचे जा रहे हैं। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि मीम, छेड़छाड़ करके बनाई गई तस्वीर आदि के रूप में कुछ अपमानजनक और आपत्तिजनक सामग्री भी उपलब्ध हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी उनके नाम, तस्वीर का उपयोग कर रहे हैं और मोटी कमाई कर रहे हैं। यह सब मानहानि करने वाली सामग्री है... उनकी आवाज वाले ऑडियो में अभद्र शब्द हैं। इसमें कुछ भी वैध नहीं है।’’ अधिवक्ता ने कहा कि कुछ प्रतिवादियों ने अब श्रॉफ की व्यक्तिगत विशेषता का अनधिकृत उपयोग बंद कर दिया है। श्रॉफ के अधिवक्ता ने अपने मामले के समर्थन में अभिनेता अमिताभ बच्चन और अनिल कपूर द्वारा इसी तरह के मुकदमों में उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का जिक्र किया। 

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 15:15 IST, May 14th 2024

Recommended

Live TV

Republic Bharat is Bharat's leading news channel.