Published 13:54 IST, September 3rd 2024
असली नाम 'सुनील' कपूर, कार एक्सीडेंट से चमकी किस्मत, दिलचस्प है क्राइम मास्टर गोगो की कहानी
शक्ति कपूर का जन्म 3 सितंबर 1952 को राजधानी दिल्ली में हुआ था। करोलबाग में पले बढ़े शक्ति को तब नाम सुनील कपूर का दिया गया। सुनील से शक्ति कपूर बनने तक का उनका सफर जितना संघर्ष से गुजरा है, उतना ही रोमांचक भी रहा।
एक एक्टर जिसने कभी नंदू बनकर, कभी क्राइम मास्टर गोगो बन दर्शकों को खूब गुदगुदाया तो कभी खलनायक के किरदार से सबको डराया। हम बात कर रहे हैं, बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर शक्ति कूपर की। जिन्होंने फिल्मों में हर तरह के किरदार निभा अपनी अलग छाप छोड़ी। यही नहीं उनके फिल्मों में डेब्यू करने से लेकर शादी के बंधन में बंधने तक की स्टोरी बेहद दिलचस्प है।
शक्ति कपूर का जन्म 3 सितंबर 1952 को राजधानी दिल्ली में हुआ था। करोलबाग में पले बढ़े शक्ति को तब नाम सुनील कपूर का दिया गया। सुनील से शक्ति कपूर बनने तक का उनका सफर जितना संघर्ष से गुजरा है, उतना ही रोमांचक भी रहा। बताया जाता है कि शक्ति कपूर बचपन से शरारती बच्चों की कैटेगरी में आते थे। इतना ही नहीं उन्हें बचपन में तीन स्कूलों से भी निकाला गया था। वह अक्सर स्कूल के झगड़ों में भी पकड़े जाते थे। शक्ति कपूर के पिता चाहते थे कि वो उनके फैमिली बिजनेस में मदद करें। लेकिन, कौन जानता था कि आने वाले समय में उनका ये शरारती अंदाज दर्शकों के दिलों पर छा जाएगा।
उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई की। यहां कॉलेज की क्रिकेट टीम में शामिल हुए। इस दौरान क्रिकेट टीम के कप्तान की गर्लफ्रेंड से शक्ति कपूर के अफेयर की खबरों ने जोर पकड़ा। कॉलेज में इस बात को लेकर बवाल मचा तो उन्होंने क्रिकेट और लड़की दोनों को ही छोड़ दिया। इसके बाद शक्ति कपूर ने मॉडलिंग की तरफ रुख किया। उन्होंने पुणे एफटीआईआई में एडमिशन लिया। बताया जाता है कि यहां उनकी रैगिंग ली गई। हैरान करने वाली बात ये थी कि उनकी रैंगिग करने वाले कोई और नहीं बल्कि, बॉलीवुड के 'दादा' मिथुन चक्रवर्ती थे। हालांकि, बाद में दोनों की दोस्ती काफी गहरी हो गई।
दिलचस्प बात ये भी है कि शक्ति कूपर को बॉलीवुड में ब्रेक एक रोड एक्सीडेंट के दौरान मिला था। दरअसल, उनकी कार दूसरी कार से टकरा गई थी, जिससे गुस्से में आकर उन्होंने दूसरी कार में बैठे शख्स से हर्जाना भरने और अपशब्द तक कह दिए थे। वो नहीं जानते थे कि उस कार में बैठा शख्स कोई और नहीं, बल्कि उस वक्त के सुपरस्टार फिरोज खान थे।
इसके बाद शक्ति कपूर को फिल्म 'कुर्बानी' में विलेन का रोल दिया गया था। उनका ये किरदार उनके लिए लकी साबित हुआ और वो बॉलीवुड में छा गए। उनके सुनील कपूर से शक्ति कपूर बनने की कहानी भी दिलचस्प थी। उन्हें फिल्म 'रॉकी' में विलेन के किरदार के लिए कास्ट किया गया था। बताया जाता है कि फिल्म में उनका नाम विलेन की पर्सनैलिटी से मेल नहीं खाता था। इसके बाद उनका नाम सुनील से बदलकर शक्ति कपूर रख दिया गया।
धीरे-धीरे शक्ति कपूर फिल्मों में कॉमेडी रोल निभाते दिखे। फिल्म 'राजा बाबू' में नंदू के किरदार के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उनकी कॉमिक टाइमिंग 'इंसाफ', 'बाप नंबरी बेटा दस नंबरी', 'अंदाज अपना-अपना', 'हम साथ-साथ है', 'चालबाज' और 'बोल राधा बोल' जैसी कई बेहतरीन और यादगार फिल्मों में दिखी।
कादर खान के साथ उनकी जोड़ी भी काफी मशहूर हुई। दोनों ने साथ में करीब 100 फिल्में की। कादर खान और शक्ति कपूर की लोकप्रियता का आलम ये था कि फिल्म के पोस्टर में हीरो-हीरोइन के साथ उन्हें भी जगह दी जाती थी।
शक्ति कपूर की प्रेम कहानी भी बिल्कुल फिल्मी थी। उन्होंने 13 साल छोटी शिवांगी कोल्हापुरी से शादी की। शिवांगी भी बॉलीवुड एक्टर हैं और मशहूर एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरी की बहन भी। खैर, शिवांगी और शक्ति की मुलाकात फिल्म 'किस्मत' के सेट पर हुई थी।
शिवांगी का परिवार शक्ति कपूर को बिल्कुल भी पसंद नहीं करता था। लेकिन शक्ति के प्यार में पागल शिवांगी ने अपने परिवार को छोड़कर उनसे शादी की। दोनों की शादी के कुछ साल के बाद परिवार वालों की नाराजगी दूर हुई। दोनों बेटी श्रद्धा और बेटे सिद्धांत के पैरेंट्स हैं।
ऑनस्क्रीन विलेन का किरदार निभाने वाले शक्ति कपूर हमेशा विवादों में घिरे रहे। लेकिन, अपने दमदार अभिनय से उन्होंने दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बना ली। बॉलीवुड में कितने सारे विलेन आए, लेकिन शक्ति कपूर का नाम ही काफी है।
Updated 13:54 IST, September 3rd 2024