Published 16:49 IST, June 3rd 2024
अमित शाह पर जयराम रमेश के आरोप को लेकर बढ़ा बवाल, EC ने ठुकराई अपील, कहा-आज शाम ही देना होगा सबूत
कांग्रेस नेता जयराम रमेश की ईसीआई ने जोर का झटका दिया। उनके एक अनुरोध को ठुकरा दिया , अल्टीमेटम के साथ!
ECI Rejects Jairam Ramesh Appeal: जयराम रमेश ने एग्जिट पोल नतीजों पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री को सीधे सीधे निशाने पर लिया था। इसकी आंच ईसी तक भी पहुंची। ईसी ने मामले को गंभीर मानते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता से सबूत मांगा। इस पर उन्होंने हफ्ते भर का समय मांग लिया। अब उनकी इस मांग को चुनाव आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया है। अल्टीमेटम दिया है कि 3 जून की शाम 7 बजे तक जवाब दें।
स्पष्ट है कि डिमांड को सिरे से नकार दिया गया। जयराम रमेश ने 1 जून को विवादास्पद पोस्ट डाला। सीधा आरोप अमित शाह पर था। लिखा था कि वोटिंग खत्म होने के बाद देश भर के 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था।
ईसीआई ने मांगा सबूत!
ईसीआई किसी भी हीला हवाली के मूड में नहीं है। पहले पीसी में और फिर नोटिस के जरिए स्पष्ट कर दिया है कि जयराम रमेश को छूट नहीं दी जाएगी। एक्स पोस्ट का संज्ञान लेते हुए ईसी ने रिस्पॉंड किया है। लिखा है कि आपके खत का हम जवाब दे रहे हैं। आपका आरोप कि 150 डीएम जो आरओ/डीईओ भी हैं के निहितार्थ हैं...और ये कल होने वाली मतगणना प्रक्रिया की पवित्रता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं...हमने 2 जून के पत्र में लिखा था कि किसी भी डीएम ने किसी के प्रभावित की बात नहीं कही है...इसलिए डिटेल जवाब के लिए मांगी गई मियाद को हम ठुकराते हैं। आपको समय नहीं दिया जाएगा और अपनी बात आपको आज शाम तक रखनी होगी।
होगी कार्रवाई?
इस खत में आगे जयराम रमेश के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत भी है। लिखा है- आपको आज (3जून)शाम 7 बजे तक का समय दिया जाता है। आपको अपनी बात रखनी होगी और अगर तयशुदा समय पर जवाब नहीं देंगे तो आपके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पीसी में भी जयराम पर बरसे राजीव कुमार
चुनावी इतिहास में मतगणना से ऐन पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। खुद पर उठ रहे तमाम सवालों का जवाब दिया और कांग्रेस नेता जयराम रमेश का नाम लिए बिना फेक नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- "ऐसा कैसे हो सकता है?...क्या कोई उनको (डीएम/आरओ) प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया, हम उसको सज़ा देंगे...यह ठीक नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और सभी को शक के दायरे में ले आएं।
हकीम लुकमान के पास भी शक का इलाज नहीं...
फेक नैरेटिव को कंट्रोल न कर पाने का दर्द जाहिर किया। शायरी से जवाब दिया। कहा- आजकल इल्जामातों का बुलंद है तलखियों का बाजार गर्म है, पंच को पहले ही घेर लो यानि पेशबंदी, मंजूर है इल्जाम लगाओ मगर शर्त इतनी कि साथ सबूत भीहो...गोया कोई तो बात है...हर बार मुद्दई वही, कचहरी वही, गवाह कोई नहीं...शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं।
जयराम रमेश के आरोप
रमेश ने 1 जून को एक पोस्ट डाला। इसमें लिखा था- निवर्तमान गृह मंत्री आज सुबह से ज़िला कलेक्टर्स से फ़ोन पर बात कर रहे हैं। अब तक 150 अफ़सरों से बात हो चुकी है...याद रखिए कि लोकतंत्र जनादेश से चलता है, धमकियों से नहीं।अफ़सरों को किसी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए व संविधान की रक्षा करनी चाहिए। वे निगरानी में हैं।
ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनावों में कौन खेलना चाहता था 'पैसों का खेल'? चुनाव आयोग ने खोला राज- 10000 करोड़ जब्त
Updated 17:33 IST, June 3rd 2024