Published 14:33 IST, June 18th 2024
'तो क्या राहुल गांधी वायनाड को धोखा दे रहे?', रायबरेली को चुनने पर BJP का हमला; बताई ये 3 वजहें
राहुल गांधी वायनाड छोड़ यूपी की रायबरेली सीट से सांसद बने रहेंगे। आखिर वजह है क्या?
BJP on Rahul Gandhi: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 17 जून को ऐलान किया कि राहुल केरल की वायनाड सीट से सांसदी छोड़ रहे हैं। इसके बाद साफ हो गया कि राहुल उसी सीट पर बने रहेंगे जो गांधी फैमिली की विरासत रही है। यानि रायबरेली सीट को नहीं छोड़ेंगे। खड़गे ने एक और घोषणा की ये कि वायनाड सीट पर बाई इलेक्शन होंगे और प्रियंका गांधी चुनावी राजनीति में पहली बार ताल ठोकेंगी।
कांग्रेस की राजनीति समझने वाले जानकार मान रहे हैं कि यूपी में 6 सीटें जीतने के बाद पार्टी का जोश हाई है और वो अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखना चाहती है। इस बीच बीजेपी ने उन तीन वजहों का खुलासा किया है जिसने राहुल गांधी को रायबरेली पर बने रहने को मजबूर किया!
'वायनाड को धोखा'
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने वायनाड सीट छोड़ने को धोखा करार दिया है। उन्होंने कहा- हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि राहुल गांधी वायनाड के लोगों को धोखा देंगे। यह हम ही नहीं कह रहे हैं, वामपंथी पार्टी की एनी राजा भी कह रही थीं कि राहुल गांधी केरल और वायनाड से पलायन करेंगे... अमेठी को धोखा दिया...हारे तो छोड़ा...वायनाड से दो बार जीते हैं सीटिंग सांसद वहीं से हैं फिर भी छोड़ा...
तो वो तीन वजहें हैं…
पूनावाला ने तीन कारण गिनवाए। उन्होंने कहा- पहला- पारिवारिक विरासत का है... आज यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस नामक कंपनी की पारिवारिक विरासत केवल बेटी को ही हस्तांतरित की जा सकती है, बेटे को नहीं..."
दूसरा- राहुल जानते हैं समाजवादी पार्टी के कंधे पर चढ़ कर कुछ सीट जीत गई है...लेकिन वो उप चुनाव की स्थिति में नहीं है...भाजपा बेहतर स्थिति में है और तीसरी इसमें कांग्रेस की मानसिकता दिखती है। ये किसी कार्यकर्ता को नहीं लड़ाते। पारिवारिक कंपनी है...माता जी राज्यसभा में, बेटे को लोकसभा से और बेटी को लोकसभा से भेजने की तैयारी है हालांकि वो जीतेंगी नहीं...क्या लेफ्ट पार्टी से सलाह ली गई...क्या पूछा गया कि कांग्रेस प्रियंका को लड़ाने की तैयारी में है।
क्या बोले थे राहुल गांधी?
ऐलान के बाद राहुल ने मीडिया से रूबरू हो कहा था कि उनके लिए ये "कठिन निर्णय" रहा। उन्होंने कहा- "वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से मेरा भावनात्मक जुड़ाव है। और पिछले पांच सालों से वायनाड से सांसद होना एक शानदार अनुभव रहा है। मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं जो मेरे साथ खड़े रहे, मैं वायनाड के लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने मुझे प्यार और स्नेह दिया...मेरा रायबरेली से पुराना रिश्ता है, मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन यह एक कठिन निर्णय था।"
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Updated 15:10 IST, June 18th 2024