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Published 13:31 IST, May 14th 2024

इंदौर में BJP और कांग्रेस समर्थित 'नोटा' की चुनावी जंग में 7.5 प्रतिशत घटा मतदान

भाजपा इंदौर में कांग्रेस को पिछले 35 साल से परास्त करती आ रही है। भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी को दूसरी बार इंदौर के चुनावी रण में उतारा।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
लोकसभा चुनाव 2024 | Image: x

Indore Lok Sabha Seat: इंदौर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के ऐन मौके पर दौड़ से बाहर होने के बाद आमूल-चूल बदले सियासी वातावरण में मतदान वर्ष 2019 के पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 7.5 प्रतिशत घटकर 61.75 फीसद रह गया। जिला निर्वाचन कार्यालय के एक अधिकारी ने ‘‘अनंतिम’’ आंकड़ों के हवाले से मंगलवार को बताया कि इंदौर में सोमवार, 13 मई को हुए मतदान में कुल 25.27 लाख मतदाताओं में से 61.75 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला।

कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और वह इसके तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से अपील की कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ‘‘नोटा’’ (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाकर भाजपा को सबक सिखाएं।

इंदौर में 35 साल से बीजेपी का कब्जा

भाजपा इंदौर में कांग्रेस को पिछले 35 साल से लगातार परास्त करती आ रही है। भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी को लगातार दूसरी बार इंदौर के चुनावी रण में उतारा। इस सीट पर लालवानी समेत 14 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, लेकिन राजनीति के स्थानीय समीकरणों के कारण मुख्य जंग भाजपा उम्मीदवार और कांग्रेस समर्थित ‘‘नोटा’’ के बीच रही। अब सियासी विश्लेषकों की निगाहें चार जून को होने वाली मतगणना पर टिक गई हैं जिससे पता चलेगा कि इंदौर सीट पर हार-जीत का अंतर कितना रहा और कांग्रेस समर्थित ‘‘नोटा’’ को कितने वोट मिले।

बीजेपी-कांग्रेस के अपने अपने दावे

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता आलोक दुबे ने दावा किया कि इंदौर के मतदाताओं ने कांग्रेस की "नोटा की नकारात्मक अपील" को पसंद नहीं किया और भाजपा यह सीट 10 लाख से ज्यादा मतों से जीतकर इस पर अपना कब्जा बरकरार रखेगी।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, "इंदौर सीट पर जीत भले ही किसी भी उम्मीदवार की हो, लेकिन नोटा नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाएगा।"

2019 में शंकर लालवानी 5.48 लाख वोटों से जीते

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लालवानी ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 5.48 लाख वोट से हराया था। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान इंदौर में 69.31 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। तब इस सीट पर 5,045 मतदाताओं ने ‘‘नोटा’’ का विकल्प चुना था।

Updated 13:31 IST, May 14th 2024

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