Search icon
Download the all-new Republic app:

Published 16:09 IST, September 5th 2024

'17 बैंक और 7000 करोड़ की FD...', गुजरात में है एशिया का सबसे धनी गांव; आखिर क्या है इनकम सोर्स?

इस गांव में मक्का, आम, गन्ना सहित और कई फसलों की खेती की जाती है। यहां पैदान होने वाली फसल न सिर्फ लोकल बल्कि पूरे देश में भेजी जाती हैं।

गुजरात में है एशिया का सबसे धनी गांव; आखिर क्या है इनकम सोर्स? | Image: X - @811GK

Richest Village of India: हमारे देश में लगातार धनवानों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था मौजूदा समय दुनिया के पांचवें स्थान पर पहुंच चुकी है। ऐसे में शहरों के साथ-साथ देश के गांवों में भी लगातार विकास की होड़ लगी हुई है। आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में सुनकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। क्या आपको पता है कि हमारे देश में एक गांव ऐसा भी है जो पूरे एशिया में सबसे धनी गांव है।

यह गांव एशिया का सबसे धनी गांव होने के अलावा अपनी अकूत संपत्ति के लिए भी जाना जाता है। ये गांव गुजरात के पश्चिमी इलाके में स्थिति कच्छ जिले में है। इस गांव का नाम माधापार गांव  है और ये भारत ही नहीं बल्कि एशिया का भी सबसे धनी गांव है। इस गांव में रहने वालों के पास बहुत संपत्ति है ये गांव बड़ा शहर पोरबंदर महात्मा गांधी के जन्म स्थान से लगभग 200 किलोमीटर दूर है। इस गांव में वाटर सप्लाई, खूबसूरत सड़कें, शानदार सेनिटेशन सिस्टम के अलावा और भी बहुत सारी वो सुविधाएं हैं जो कि शहरों में भी न पाई जाती हों।


गांव में 17 बैंक और ग्रामीणों की 7 हजार करोड़ की एफडी

गुजरात के कच्छ जिले का गांव माधापार महात्मा गांधी के जन्मस्थान पोरबंदर के पास स्थित है इस गांव की कुल आबादी लगभग 35 हजार के आस पास है। यहां पर पटेल समुदाय के लोग ज्यादातर संख्या में रहते हैं। इस गांव की समृद्धि और विकास में यहां रहने वाले पटेल समुदाय के लोगों का विशेष योगदान है। माधापार गांव के इन्फ्रास्ट्रक्चर में ही हमें गांव की खुशहाली और यहां की दौलत की झलक मिलती है। इस गांव में कुल 17 बैंक हैं। इसमें से कई बड़े बैंक जैसे एसबीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक सहित और कई बड़े बैंक शामिल हैं। इस गांव के लोगों की लगभग 7 हजार करोड़ की एफडी है। इतनी बड़ी रकम की एफडी न सिर्फ गांव की बेहतरीन वित्तीय स्थिति को दर्शाता है बल्कि यहां होने वाली इकोनॉमिक एक्टीविटीज भी इस गांव के आस-पास मंडराती रहती हैं।  


इस गांव की अकूत दौलत का क्या है राज?

माधापार की दौलत के पीछे सबसे बड़ा हाथ है यहां के लोगों का एनआरआई होना यानि कि यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा नॉन-रेजिडेंट इंडियंस (NRI) के तौर पर विदेशों में रहते हैं। गांव के लगभग 1200 से 1500 परिवार जो विदेशों में बसे हैं उनका अब भी अपने गांव से कनेक्शन बनाा हुआ है। विदेशी धरती रहने के बावजूद इन परिवारों ने अपनी जन्मभूमि अपने गांव से अपना रिश्ता नहीं तोड़ा है। विदेश में रहने वाले माधापार गांव के लोग अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा अपने गांव में भेजते हैं। अक्सर यही पैसा विदेशी करेंसी में बदलता है इसी प्रक्रिया के चलते गांव के बैंक में बड़ी रकम एफडी के तौर पर जमा है और ये गांव देश ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे धनी गांव बन चुका है।

 

माधापार गांव में रहने वालों की आमदनी का मुख्य सोर्स क्या है?

विदेशों में रहने वाले गांव के लोगों (NRI) से आने वाली वित्तीय योगदान के बाद इस गांव के लोगों की मुख्य अर्थव्यवस्था खेती है। इस गांव में मक्का, आम, गन्ना सहित और कई फसलों की खेती की जाती है। यहां पैदान होने वाली फसल न सिर्फ लोकल बल्कि पूरे देश में भेजी जाती हैं। इस गांव की इकोनॉमी को बनाए रखने के लिए खेती की एक अहम भूमिका है। एशिया के सबसे धनी गांव का खिताब इस गांव की कम्युनिटी की मजबूती और सफलता को दर्शाता है। रणनीतिक फाइनेंशियल बैकअप और NRI कनेक्शन के अलावा खेती के दमदार प्रदर्शन के दम पर माधापार गांव की अकूत संपत्ति ने इसकी समृद्धि में बड़ा योगदान दिया है। 

 

यह भी पढ़ेंः रुपया शुरुआती कारोबार में तीन पैसे की गिरावट के साथ 83.88 प्रति डॉलर पर

Updated 19:04 IST, September 5th 2024

Recommended

Live TV

Republic Bharat is Bharat's leading news channel.