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Published 11:59 IST, June 30th 2024

एक पेड़ मां के नाम, वीर सिद्धो और कान्हू को सलाम...मन की बात में पीएम मोदी क्या-क्या बोले

लोकसभा चुनाव में जीत के बाद आज पहली बार 'मन की बात' कर रहे हैं। यह इस कार्यक्रम का 111वां एपिसोड है।

PM Modi's 'Mann Ki Baat' resumes post-election break
PM Modi's 'Mann Ki Baat' resumes post-election break | Image: Republic Digital

Mann Ki Baat: लोकसभा चुनाव में जीत के बाद आज पहली बार 'मन की बात' कर रहे हैं। यह इस कार्यक्रम का 111वां एपिसोड है। प्रोग्राम की शुरुआत में PM ने कहा कि चार महीने बाद आज फिर परिवारजन के बीच हूं। देश के नाम संदेश के इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, आज वो दिन आ ही गया जिसका हम सभी फरवरी से इंतजार कर रहे थे। मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से एक बार फिर आपके बीच, अपने परिवारजनों के बीच आया हूं। एक बड़ी प्यारी सी उक्ति है – ‘इति विदा पुनर्मिलनाय’ इसका अर्थ भी उतना ही प्यारा है, मैं विदा लेता हूं, फिर मिलने के लिए।

इसी भाव से मैंने फरवरी में आपसे कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद फिर मिलूंगा, और आज, ‘मन की बात’ के साथ, मैं, आपके बीच फिर हाजिर हूं। उम्मीद है आप सब अच्छे होंगे, घर में सबका स्वास्थ्य अच्छा होगा और अब तो मानसून भी आ गया है, और जब मानसून आता है, तो मन भी आनंदित हो जाता है | आज से फिर, एक बार, हम, ‘मन की बात’ में ऐसे देशवासियों की चर्चा करेंगे जो अपने कामों से समाज में, देश में, बदलाव ला रहे हैं | हम चर्चा करेंगे, हमारी, समृद्ध संस्कृति की, गौरवशाली इतिहास की, और, विकसित भारत के प्रयास की |

आप लोगों ने मुझे लाखों संदेश भेजे: PM Modi

साथियो, फरवरी से लेकर अब तक, जब भी, महीने का आखिरी रविवार आने को होता था, तब मुझे आपसे इस संवाद की बहुत कमी महसूस होती थी। लेकिन मुझे ये देखकर बहुत अच्छा भी लगा कि इन महीनों में आप लोगों ने मुझे लाखों संदेश भेजे। ‘मन की बात’ रेडियो प्रोग्राम भले ही कुछ महीने बंद रहा हो, लेकिन, ‘मन की बात’ का जो Spirit है देश में, समाज में, हर दिन अच्छे काम, निस्वार्थ भावना से किए गए काम, समाज पर positive असर डालने वाले काम - निरंतर चलते रहे। चुनाव की खबरों के बीच निश्चित रूप से मन को छू जाने वाली ऐसी खबरों पर आपका ध्यान गया होगा।

पीएम मोदी ने कहा, मैं आज देशवासियों को धन्यवाद भी करता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है। 24 का चुनाव, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ, जिसमें, 65 करोड़ लोगों ने वोट डाले हैं। मैं चुनाव आयोग और मतदान की प्रक्रिया से जुड़े हर व्यक्ति को इसके लिए बधाई देता हूं।

पीएम मोदी ने किया ‘हूल दिवस’ का जिक्र

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा, आज 30 जून का ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है | इस दिन को हमारे आदिवासी भाई-बहन ‘हूल दिवस’ के रूप में मनाते हैं। यह दिन वीर सिद्धो-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचार का पुरजोर विरोध किया था। वीर सिद्धो-कान्हू ने हजारों संथाली साथियों को एकजुट करके अंग्रेजों का जी-जान से मुकाबला किया, और जानते हैं ये कब हुआ था ? ये हुआ था 1855 में, यानी ये 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी दो साल पहले हुआ था, तब, झारखंड के संथाल परगना में हमारे आदिवासी भाई-बहनों ने विदेशी शासकों के खिलाफ हथियार उठा लिया था।

हमारे संथाली भाई-बहनों पर अंग्रेजों ने बहुत सारे अत्याचार किए थे, उन पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए थे। इस संघर्ष में अद्भुत वीरता दिखाते हुए वीर सिद्धो और कान्हू शहीद हो गए। झारखंड की भूमि के इन अमर सपूतों का बलिदान आज भी देशवासियों को प्रेरित करता है। पीएम मोदी ने संथाली भाषा में एक संगीत का अंश पर रेडियो पर प्‍ले किया।

एक पेड़ मां के नाम अभियान

मेरे प्यारे साथियों, अगर मैं आपसे पूछूं कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा होता है तो आप जरूर कहेंगे – “मां”। हम सबके जीवन में ‘मां’ का दर्जा सबसे ऊंचा होता है। मां, हर दुख सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है। हर मां, अपने बच्चे पर स्नेह लुटाती है। जन्मदात्री मां का ये प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है, जिसे कोई चुका नहीं सकता। मैं सोच रहा था, हम मां को कुछ दे तो सकते नहीं, लेकिन, और कुछ कर सकते हैं क्या?

इसी सोच में से इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, इस अभियान का नाम है – ‘एक पेड़ मां के नाम’। मैंने भी एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाया है। मैंने सभी देशवासियों से, दुनिया के सभी देशों के लोगों से ये अपील की है कि अपनी मां के साथ मिलकर, या उनके नाम पर, एक पेड़ जरूर लगाएं। और मुझे ये देखकर बहुत खुशी है कि मां की स्मृति में या उनके सम्मान में पेड़ लगाने का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। लोग अपनी मां के साथ या फिर उनकी फोटो के साथ पेड़ लगाने की तस्वीरों को Social Media पर साझा कर रहे हैं। हर कोई अपनी मां के लिए पेड़ लगा रहा है - चाहे वो अमीर हो या गरीब, चाहे वो कामकाजी महिला हो या गृहिणी। इस अभियान ने सबको मां के प्रति अपना स्नेह जताने का समान अवसर दिया है। वो अपनी तस्वीरों को #Plant4Mother और #एक_पेड़_मां_के_नाम इसके साथ साझा करके दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं।

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Updated 12:07 IST, June 30th 2024