Published 11:01 IST, December 13th 2024
BREAKING: बंगाल के पूर्व शिक्षा पार्थ चटर्जी को बड़ी राहत, SC ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दी जमानत
Partha Chatterjee Bail: पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने पार्थ चटर्जी को जमानत दे दी है।
Partha Chatterjee Bail: पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने पार्थ चटर्जी को जमानत दे दी है। पश्चिम बंगाल में कैश फॉर स्कूल जॉब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 31 दिसंबर तक पार्था चटर्जी के खिलाफ निचली अदालत आरोप तय करने पर फैसला ले।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि भर्ती अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पार्थ चटर्जी को 1 फरवरी 2025 से जमानत पर रिहा किया जाए या फिर आरोप तय करने और कमजोर गवाहों की जांच पहले हो जाए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने ट्रायल कोर्ट से ये भी कहा कि वो इस महीने आरोप तय करने पर फैसला करे और जनवरी 2025 तक कमजोर गवाहों के बयान दर्ज करने का काम पूरा करे। कार्यवाही के महत्वपूर्ण चरण पर समय सीमा तय करते हुए शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वो शीतकालीन अवकाश शुरू होने से पहले या 31 दिसंबर, 2024 से पहले आरोप तय करने पर फैसला करे, जो भी पहले हो।
1 फरवरी से आगे हिरासत में नहीं रखा जा सकता- SC
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इन चरणों के पूरा होने के बाद चटर्जी को जमानत पर रिहा किया जा सकता है, लेकिन ये भी स्पष्ट किया कि पार्थ चटर्जी को 1 फरवरी 2025 से आगे हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। चटर्जी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत से अपने मुवक्किल को जमानत देने पर जोर दिया, जिसका मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कड़ा विरोध किया। शीर्ष अदालत नौकरी के लिए नकदी भर्ती अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। चटर्जी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह इस मामले में लंबे समय से जेल में हैं और अन्य आरोपियों के जमानत पर बाहर होने की तरह ही जमानत मांगी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन मामले में विधायक और पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू होना बाकी है और सैकड़ों गवाहों से पूछताछ की जानी है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने मामले में पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका का विरोध किया था और कहा था कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और भारी मात्रा में नकदी जब्त की गई है। शीर्ष अदालत को ये भी बताया गया कि पार्थ सीबीआई की तरफ से जांचे जा रहे एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में है।
जुलाई 2022 में ED ने किया था पार्थ को गिरफ्तार
जुलाई 2022 में ईडी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। चटर्जी को इससे पहले इस साल मई में प्रेसीडेंसी सुधार गृह में रखा गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के एक सहयोगी के घर से 21 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की थी। टीएमसी ने राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को पार्टी से निलंबित कर दिया था और उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में सीबीआई को समूह 'सी' और 'डी' कर्मचारियों, कक्षा IX-XII के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था। इन मामलों में गैर-शिक्षण कर्मचारियों (समूह सी और डी), शिक्षण कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति शामिल है। ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत मामलों की जांच कर रहा है।
Updated 12:07 IST, December 13th 2024