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Published 11:26 IST, September 14th 2024

भारत के FCRA के कारण NGO के लिए वैश्विक दान प्राप्त करना मुश्किल हुआ: US Senator

US Senator Tim Kaine: अमेरिकी सीनेटर का कहना है कि भारत के एफसीआरए के कारण एनजीओ के लिए वैश्विक दान प्राप्त करना मुश्किल हो गया है।

US Senator Tim Kaine
अमेरिकी सीनेटर टिम केन | Image: X

US Senator Tim Kaine: अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता एवं वरिष्ठ सांसद टिम केन ने कहा है कि भारत के विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के कारण वहां संचालित गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लिए अन्य देशों के लोगों से दान प्राप्त करना ‘‘बहुत कठिन’’ हो गया है।

केन ने सीनेट की विदेश संबंध समिति द्वारा आयोजित ‘एनजीओ विरोधी कानून और लोकतांत्रिक दमन के अन्य तरीकों’ पर संसद में चर्चा के दौरान कहा, ‘‘भारत में विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम नामक एक कानून है जिसे 2010 में संशोधित किया गया था और 2020 में इसे फिर से संशोधित किया गया है। इसके कारण भारत में संचालित गैर सरकारी संगठनों के लिए दुनिया के अन्य देशों के लोगों से दान प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो गया है।’’

केन ने कहा, ‘‘ ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ और अन्य संगठनों को भारत में अपनी सेवाएं या तो सीमित करनी पड़ी हैं या बंद करनी पड़ी हैं क्योंकि उनका संचालन दान के जरिए जुटाए गए धन पर निर्भर करता है।’’

उन्होंने कहा कि इस कृत्य के कारण मानवाधिकार कार्यकर्ता और गैर सरकारी संगठन भयभीत महसूस करते हैं और इससे उनके काम में बाधा उत्पन्न होती है।

केन ने कहा कि इस कदम से वास्तव में उन लोगों को नुकसान हुआ है जो इन संगठनों के प्रयासों के लाभार्थी हैं।

उन्होंने ‘संभाली ट्रस्ट’ का उदाहरण दिया जो राजस्थान का एक संगठन है। यह संगठन खासकर उन महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है जो वंचित या उत्पीड़ित हैं।

केन ने कहा कि इस संगठन को अपने कार्यों को जारी रखने के लिए दान प्राप्त करने और उन्हें हस्तांतरित करने में ‘‘काफी मुश्किल’’ हुई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर में ऐसे कानून हैं लेकिन मैं बस इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं कि ये कदम उत्पीड़न का ही एक रूप है जो हो रहे काम को रोकता है।’’

केन ने कहा, ‘‘हम अक्सर कहते हैं कि हम दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र हैं और वह (भारत) दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है.... हम अमेरिका और भारत के संबंधों को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं लेकिन जब जमीनी स्तर पर अच्छा काम करने वाले संगठनों को अपने वित्तपोषण के स्रोतों पर प्रतिबंध या कटौती का सामना करना पड़ता है तो हमें इस पर ध्यान देना होगा।’’

सीनेटर ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय और अन्य विभिन्न एजेंसी ने संभाली ट्रस्ट को इन वित्तीय बाधाओं से निपटने में मदद की लेकिन और भी कई ऐसे गैर सरकारी संगठन हैं जिन्हें अपनी सेवाओं को आगे बढ़ाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 11:26 IST, September 14th 2024