Published 16:56 IST, December 17th 2024
BREAKING: धमाके से दहला मॉस्को, पुतिन के करीबी न्यूक्लियर डिफेंस चीफ की मौत,यूक्रेन ने ली जिम्मेदारी
Russia Ukraine War: रूस के न्यूक्लियर प्रोग्राम की चीफ इगोर किरिलोव की एक धमाके में मौत हो गई। इगोर को रूसी राष्ट्रपति का करीबी माना जाता था।
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी हमले के बीच बड़ी खबर सामने आई है। एक धमाके में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी और रूस के न्यूक्लियर प्रोग्राम की चीफ इगोर किरिलोव की एक धमाके में मौत हो गई। वहीं इस धमाके की जिम्मेदारी यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस ने ली है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इगोर अपने अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे थे, इस दौरान वहां पार्क एक स्कूटर में ये धमाका हुआ। इगोर किरिलोव और उनके असिस्टेंट धमाके की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। हैरान करने वाली बात ये है कि धमाका मॉस्को में राष्ट्रपति भवन से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर हुई है।
लंबे समय से यूक्रेन के निशाने पर थे इगोर
धमाके के लिए 300 ग्राम TNT का इस्तेमाल किया गया। मामले में आपराधिक हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। धमाके से बिल्डिंग को भी थोड़ा सा नुकसान पहुंचा है। इगोर की मौत को लेकर रूसी संसद के डिप्टी स्पीकर का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि घटना को सोच समझकर प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया है। वहीं कहा जा रहा है कि इगोर काफी समय से यूक्रेन के निशाने पर थे।
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में निभाई अहम भूमिका
इगोर को अप्रैल 2017 में न्यूक्लियर फोर्सेज का प्रमुख बनाया गया था। इससे पहले वो रूस के रेडिएशन, केमिकल और जैविक हथियारों वाले विभाग के प्रमुख रहे हैं। यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में भी इनकी अहम भूमिका रही थी। 54 साल के किरिलोव पर यूक्रेन में मास्को के युद्ध में अपने कार्यों के लिए UK और कनाडा सहित कई देशों से प्रतिबंध लगाए गए थे। सोमवार को यूक्रेन की सुरक्षा सेवा या SBU ने उनके खिलाफ आपराधिक जांच शुरू की, जिसमें उन पर प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का निर्देश देने का आरोप लगाया गया।
SUB के एक अधिकारी ने कहा कि हमले के पीछे एजेंसी का हाथ था। अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बात की क्योंकि उन्हें जानकारी जारी करने का अधिकार नहीं था, उन्होंने किरिलोव को "युद्ध अपराधी और पूरी तरह से वैध लक्ष्य" बताया। एसबीयू ने कहा है कि उसने फरवरी 2022 में अपने पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद से 4,800 से अधिक अवसरों पर रूस द्वारा युद्ध के मैदान में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है। मई में, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि उसने यूक्रेनी सैनिकों के खिलाफ क्लोरोपिक्रिन का उपयोग दर्ज किया है, जो प्रथम विश्व युद्ध में पहली बार इस्तेमाल की गई जहरीली गैस है।
इसे भी पढ़ें: 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर PM मोदी के हनुमान ने विपक्ष को लताड़ा, पूछा- यह संघीय ढांचे के खिलाफ कैसे?
Updated 17:02 IST, December 17th 2024