Published 13:48 IST, November 9th 2024
अफगानी किलर को सुपारी, 30 दिन का वक्त...ट्रंप की हत्या चाहता था ईरान, फरजाद ने बना लिया था प्लान
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आ चुका है। डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं। इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आ चुका है। डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं। इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। मैनहटन की संघीय अदालत में दाखिल एक आपराधिक शिकायत में कहा गया है कि ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की योजना बनाई थी। इस प्लान के मुताबिक ईरान की पैरामिलिट्री रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक अधिकारी ने फरहाद शकीरी नाम के शख्स को ट्रंप की निगरानी और हत्या की जिम्मेदारी दी थी।
ईरान की तरफ से ये योजना सितंबर में ही बना ली गई थी। इस प्लान को एक महीने के अंदर अंजाम तक पहुंचाना था। ट्रंप की हत्या की साजिश में न्यूयॉर्क के दो लोग भी शामिल थे। फरहाद से यह भी कहा गया था कि अगर वह सितंबर में ऐसा करने में नाकाम रहा तो फिर उसे अमेरिकी चुनाव खत्म होने तक इंतजार करना होगा। ईरान को ऐसा लग रहा था कि ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हार जाएंगे। ऐसे में ट्रंप के पास सुरक्षा का बहुत ताम-झाम नहीं रहेगा और उन्हें मारना आसान होगा।
हत्या की साजिश में दो लोग और थे शामिल
फरहाद के साथ इस साजिश में न्यूयॉर्क के रहने वाले दो लोग, 36 साल का जोनाथन लोधोल्ट और 49 साल का कार्लिस्ली रिवेरा भी शामिल थे। इन सभी के अलावा अमेरिका में रहने वाले दो यहूदी बिजनेसमैन और एक ईरानी-अमेरिकी ऐक्टिविस्ट भी साजिश में शामिल बताया गया है।
51 वर्षीय फरहाद शकीरी मूल रूप से अफगानी है। लूट के मामले में अमेरिकी जेल में 14 साल बिताने के बाद उसे 2008 में वहां से डिपोर्ट कर दिया गया था। इसके बाद वह ईरान की सेना में भर्ती हो गया था। अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया है कि रिवेरा और जोनाथन को कस्टडी में ले लिया गया है। वहीं, शकीरी अभी भी ईरान में आजाद है।
ट्रंप की हत्या क्यों करवाना चाहता है ईरान
ईरान डोनाल्ड ट्रंप को मारकर ईरानी मेजर जनरल और कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेना चाहता है। सत्ता में आने के बाद भी ट्रंप ने ईरान को लेकर अपने खतरनाक इरादे जाहिर कर दिए हैं। ऐसे में ईरान ट्रंप को खत्म कर देना चाहता है।
कौन है फरजाद शकेरी?
शकेरी पर दो न्यूयॉर्क निवासियों 36 वर्षीय जोनाथन लोडहोल्ट और ब्रुकलिन के 49 वर्षीय कार्लिस्ले रिवेरा (जिन्हें पॉप के नाम से भी जाना जाता है) के साथ मिलकर तेहरान की ओर से एक व्यापक हत्या की साजिश में भाग लेने का आरोप है। शकेरी अमेरिका में एक युवा के रूप में आया था। हालांकि, FBI ने उसके देश में आने के साल और उसके निवास का खुलासा नहीं किया है। अभियोग के अनुसार, वह अमेरिका में जेल में रहने के दौरान अपने सहयोगियों से मिला था।
अभियोग में दावा किया गया है कि 1994 में दोषी ठहराए जाने के बाद, उसे वुडबोर्न सुधार केंद्र सहित कई राज्य जेलों में रखा गया था, जहां उसने अज्ञात प्रतिवादी के साथ हिरासत साझा की थी। शेकेरी को 2005 में बीकन सुविधा में स्थानांतरित कर दिया गया था, जब अधिकारियों का दावा है कि उसका पहली बार रिवेरा से सामना हुआ था। वह 2008 में अपने निष्कासन तक अमेरिका में रहा। न्यूयॉर्क सुधार विभाग और सामुदायिक निगरानी के रिकॉर्ड के अनुसार, उसकी पैरोल निगरानी 2015 में समाप्त हुई। अभियोग के अनुसार, चार साल बाद ही उसे 92 किलोग्राम हेरोइन जब्त करने के सिलसिले में श्रीलंका में फिर से हिरासत में लिया गया था।
Updated 13:48 IST, November 9th 2024