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Published 21:45 IST, December 13th 2024

इस्कॉन के लिए बांग्लादेश में परिस्थितियां कठिन : प्रवक्ता

इस्कॉन की कोलकाता इकाई के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जारी हमलों के कारण वहां संगठन के लिए परिस्थितियां कठिन हैं।

ISCKON has urged India to take immediate action on the arrest of Chinmoy Prabhu , a saint who was leading protests against atrocities committed against Hindus
ISCKON | Image: X

इस्कॉन की कोलकाता इकाई के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जारी हमलों के कारण वहां संगठन के लिए परिस्थितियां कठिन हैं।

दास ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों में कमी नहीं आने और कई बांग्लादेशी नेताओं द्वारा दिए गए कट्टरता को बढ़ावा देने वाले बयानों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए इस तरह की बयानबाजी पर रोक लगनी चाहिए। दास ने उम्मीद जताई कि अंतरिम सरकार शासन की अपनी भूमिका निभाएगी।

अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन), कोलकाता के प्रवक्ता दास ने कहा, ‘‘हाल के दिनों में बांग्लादेश में इस्कॉन की कई संपत्तियों पर हमले हुए हैं। हिंदुओं की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। देश के हालात के कारण बांग्लादेश में इस्कॉन के लिए परिस्थितियां कठिन हैं।’’

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक नेता द्वारा देश के हर युवा को भविष्य में भारत के साथ संभावित संघर्ष के मद्देनजर हथियार प्रशिक्षण लेने के लिए उकसाने वाले कथित बयान के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘‘इस तरह की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों से स्थिति में सुधार नहीं होगा, बल्कि इससे कट्टरपंथियों को बढ़ावा मिलेगा।’’

एक अन्य बीएनपी नेता ने कथित तौर पर कहा था कि बांग्लादेश का बंगाल, बिहार और ओडिशा पर वैध दावा है।

इस्कॉन के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अंतरिम सरकार शासन की अपनी भूमिका निभाएगी और अल्पसंख्यकों सहित बांग्लादेश के हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। हमें उम्मीद है कि हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा किया जाएगा और निष्पक्ष सुनवाई होगी।’’

इस बीच, शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में कई हिंदू संगठनों ने चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई और पड़ोसी देश में हिंदुओं पर अत्याचारों को रोकने की मांग को लेकर रैलियां निकालीं।

Updated 21:45 IST, December 13th 2024