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Published 17:03 IST, August 7th 2024

49 साल पहले पिता की हुई हत्या तो भारत में लिया शरण, शेख हसीना की पहली बार जान बचाने की पूरी कहानी

Bangladesh: बांग्लादेश में हिंसा शुरू होने के बाद पूर्व PM शेख हसीना ने भारत की ओर रुख किया।

Reported by: Kunal Verma
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From Quota Protests to Political Turmoil. Here’s What Led To The Situation In Bangladesh
Sheikh Hasina | Image: AP

Bangladesh: बांग्लादेश में हिंसा शुरू होने के बाद पूर्व PM शेख हसीना ने भारत की ओर रुख किया। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को फोन किया और कुछ समय के लिए भारत आने की बात की।

आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारत ने मुसीबत के समय शेख हसीना की मदद की हो। ऐसा ही एक मामला साल 1975 में भी सामने आया था, जब शेख हसीना ने अपनी जान बचाने के लिए भारत का रुख किया था।

ये है मामला

बांग्लादेशी लोकतंत्र के उतार-चढ़ाव भरे इतिहास में सेना द्वारा समय-समय पर हस्तक्षेप देखा गया है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का राजनीतिक जीवन भी एक प्रारंभिक आघात से शुरू हुआ था। 1975 में सैनिकों द्वारा उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान और उनके 10 वर्षीय बेटे रसेल सहित परिवार के सात सदस्यों की हत्या के बाद बहनों ने भारत में शरण ली थी। हसीना भागने में सफल रहीं, क्योंकि वह उस समय अपने पति और रेहाना के साथ जर्मनी में थी। इस दौरान उन्होंने कई दिन भारत में बिताए थे।

सेना ने नवंबर 1975 में मुख्य न्यायाधीश अबू सादात मोहम्मद सईम को राष्ट्रपति नियुक्त किया। उस वक्त देश पर सैन्य जुंटा का शासन था। 1977 में जनरल जियाउर्रहमान राष्ट्रपति बने। 1981 में उनकी हत्या कर दी गई और उनके उत्तराधिकारी अब्दुस सत्तार को 1982 में तख्तापलट में हटा दिया गया। सेना प्रमुख एच एम इरशाद ने नियंत्रण ले लिया, लेकिन बड़े पैमाने पर अशांति के कारण 1990 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

2008 में हसीना के दोबारा सत्ता में आने के बाद उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सेना बैरक में लौट जाए। 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी खामियों के माध्यम से सैन्य हस्तक्षेप की गुंजाइश कम कर दी। हालांकि, साल 2024 में एक बार फिर सारे किए धरे पर पानी फिर गया।

अभी भारत में ही रहेंगी हसीना

हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बताया कि शेख हसीना थोड़े और समय के लिए दिल्ली में रहेंगी। जर्मनी के मीडिया संस्थान डॉयशे वेले को दिए साक्षात्कार के दौरान जॉय से किसी तीसरे देश से शरण मांगने की हसीना की योजना के बारे में पूछा गया।

जॉय ने कहा- 'ये सभी अफवाहें हैं। उन्होंने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। वह कुछ और समय के लिए दिल्ली में ही रहेंगी। मेरी बहन उनके साथ हैं। लिहाजा वह अकेली नहीं हैं।' हसीना की बेटी सायमा वाजेद विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक हैं, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।

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Updated 17:03 IST, August 7th 2024