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Published 16:02 IST, August 13th 2024

'महायुद्ध' तय है! EU देशों ने की मनाने की कोशिश तो ईरान के जवाब ने बढ़ा दी चिंता; अब क्या होगा?

Iran: इस्माइल हानिया की हत्या के बाद EU के कुछ देशों ने ईरान को मनाने की कोशिश की है और हमला न करने की सलाह दी है।

Reported by: Kunal Verma
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Meanwhile, in Gaza, war continues unabated as Israeli PM Netanyahu vows to fight on for months if necessary.
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: AP

Iran: इस्माइल हानिया की हत्या के बाद EU के कुछ देशों ने ईरान को मनाने की कोशिश की है और हमला न करने की सलाह दी है। हालांकि, ईरान ने EU देशों को ऐसा जवाब दे दिया, जिससे दुनियाभर के देशों की बोलती बंद हो गई।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें हमला करने के लिए किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। नसीर कनानी ने कहा कि इस तरह के असभ्य अनुरोधों में राजनीतिक तर्क का अभाव है जबकि ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सिद्धांतों के भी खिलाफ हैं।

ईरान के जवाब ने बढ़ा दी चिंता

ईरानी मीडिया IRNA के मुताबिक, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दो सप्ताह पहले तेहरान में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद तीन यूरोपीय देशों ने ईरान से इजरायल के खिलाफ दंडात्मक हमला नहीं करने को कहा। कनानी ने तीनों देशों के अनुरोध की निंदा करते हुए कहा कि इससे अपराधियों को नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध जारी रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

कनानी ने कहा कि अगर ये देश वास्तव में क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहते हैं, तो उन्हें व्यावहारिक रूप से कम से कम एक बार रंगभेदी शासन के दुस्साहस के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और गाजा में युद्ध और बच्चों और महिलाओं की हत्या को रोकने का प्रयास करना चाहिए।

'कड़ी प्रतिक्रिया देने की कसम खाई'

इससे पहले ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अली मोहम्मद नईनी ने कहा था कि हानिया की हत्या प्रतिरोध मोर्चे की ताकत को कम करने के उद्देश्य से की गई थी। हानिया की हत्या ने कब्जे वाले शासन के संपूर्ण अस्तित्व और पहचान को पतन के कगार पर पहुंचा दिया है। इस्लामिक रिपब्लिक ने अपनी धरती पर आतंकवाद के निर्लज्ज कृत्य पर कड़ी प्रतिक्रिया देने की कसम खाई है। नईनी ने मानवाधिकार संगठनों की आलोचना करते हुए कहा था कि वे पश्चिम के दबाव के कारण अप्रभावी हो गए हैं, जिससे मानवाधिकारों की एकतरफा परिभाषा सामने आई है जो अंत में जायोनी हितों का ही समर्थन करती है।

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Updated 16:02 IST, August 13th 2024