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पब्लिश्ड 00:04 IST, January 7th 2025

खालिस्तानी समर्थक जस्टिन ट्रूडो अपनी ही चाल से हुए 'हिट विकेट', भारत से पंगा लेने पर ऐसे हुआ गेम फिनिश

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। कनाडा में खालिस्तानियों को संरक्षण देना और भारत विरोधी एजेंडे को तूल देना ट्रूडो को भारी पड़ा।

justin trudeau resigns
भारत विरोधी एजेंडा ट्रूडो को पड़ा महंगा | Image: AP/Republic Digital

Justin Trudeau Resigns: जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद और लिबर पार्टी के प्रेसिडेंट के पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। पार्टी के अदंर काफी मतभेद के बाद टूड्रो को आखिरकार इस्तीफा का ऐलान करना पड़ा। ध्यान देने वाली बात ये है कि ट्रूडो के राज में कनाडा के भारत के साथ रिश्ते भी खराब हुआ हैं। ऐसे में ट्रूडो के भारत विरोधी एजेंडे को भी इसका मुख्य कारण माना जा रहा है।

टूड्रो के शासन काल में भारत और कनाडा के बीच संबंध काफी बिगड़ते नजर आए। ट्रूडो के कुछ फैसलों की वजह से दोनों देशों की दोस्ती में करवाहट देखने को मिली।

भारत के खिलाफ एजेंडा ट्रूडो को पड़ा भारी

ट्रूडो के भारत विरोधी एजेंडो में कई फैसले शामिल हैं। ट्रूडो के शासनकाल में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों में वृद्धि, जी20 समिट के दौरान भारत-कनाडा में विवाद, खालिस्तानी आतंकी निज्जर हत्याकांड और भारत पर आरोप, भारतीय हाई कमिश्नर पर जासूसी का आरोप और गृह मंत्री अमित शाह का नाम शामिल करना।

खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को बढ़ावा: जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में खालिस्तानी समर्थकों को काफी बढ़ावा मिला। इसके साथ ही भारत में आतंकी घोषित खालिस्तानियों को कनाडा की पुलिस का संरक्षण भी मिला। यही कारण है कि कनाडा में भारत विरोधी गतिविधयों को खालिस्तानियों ने अंजाम दिया। हाल ही के समय में खालिस्तानियों ने भारतीय उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास के बाहर हिंसक प्रदर्शन किए और भारतीय झंडे का अपमान किया। इसे लेकर भारत ने कनाडा से कार्रवाई की मांग भी की थी।

G20 समिट के दौरान भारत-कनाडा में विवाद: जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के दौरान जब भारत के प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी और जस्टिन ट्रूडो की मुलाकात हुई थी, पीएम मोदी ने कनाडाई सरकार से खालिस्तानी गतिविधियों के खिलाफ नाराजगी जताई थी। हालांकि, ट्रूडो ने इसे गंभीरता से ना लेते हुए पूरे मामले को कनाडा का आंतरिक मामला कहकर मामले से दबाने की कोशिश की।

निज्जर हत्याकांड, भारत पर आरोप और अधिकारियों के खिलाफ एक्शन: भारत में आतंकी घोषित खालिस्तानी निज्जर हत्याकांड के मामले में कनाडा ने भारत के ऊपर सीधा आरोप लगाया। ना केवल आरोप, बल्कि ट्रूडो सरकार ने कनाडा में मौजूद रहे भारत के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला भी किया था। इतना ही नहीं जब भारत ने जब इन सभी आरोपों को लेकर सबूत पेश करने को कहा तो उनके पास अपने दावों को सिद्ध करने के लिए कुछ भी नहीं था। और इस तरह कनाडा को दुनियाभर के सामने मुंह की खानी पड़ी।

भारतीय हाई कमिश्नर पर जासूसी का आरोप: निज्जर हत्याकांड के मामले को लेकर ही कनाडा ने वहां मौजूद भारत के अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगाया। ये आरोप कनाडा में भारत के हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा और दूसरे वरिष्ठ राजनयिकों पर गाया गया।

गृह मंत्री अमित शाह का नाम शामिल करना: ट्रूडो की सरकार यहीं नगहीं रुकी, उन्होंने बाद में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर 'खालिस्तानी आतंकियों का कनाडा में सफाया करने का आदेश जारी करने' का आरोप भी लगाया।

व्यापार और वीजा पर रोक: इन सभी विवादों के बीच भारत ने कनाडा के खिलाफ बड़ा कदम उठाया। भारत की छवि खराब करने और दोनों देशों के संबंध खराब करने का खामियाजा कनाडा को भुगतना पड़ा। भारत ने कनाडा के साथ अपने व्यापार पर रोक लगा दी। भारत ने कनाडा के साथ CEPA पर जारी बातचीत को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।  इतना ही नहीं, भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को भी निलंबित और सीमित कर दिया।

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अपडेटेड 00:07 IST, January 7th 2025