पब्लिश्ड 23:36 IST, July 19th 2024
बांग्लादेश में सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे
प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की आज की घटना के एक दिन पहले भी काफी हिंसा हुई थी जिसमें स्थानीय मीडिया के अनुसार 22 लोगों की मौत हो गई थी।
ढाका, 19 जुलाई (एपी) बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर कई दिनों से जारी प्रदर्शनों के बीच शुक्रवार को पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे। वहीं हिंसक प्रदर्शनों के बीच इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई हैं। राजधानी ढाका और कुछ स्थानों पर प्रदर्शन कुछ सप्ताह पहले शुरू हुए थे लेकिन सोमवार से इनमें तेजी आ गई। ये विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने जनवरी में हुए चुनाव में लगातार चौथी बार जीत हासिल की थी। मुख्य विपक्षी समूहों ने चुनावों का बहिष्कार किया था। एक स्थानीय टेलीविजन चैनल ‘समय टीवी’ ने बताया कि हिंसा में चार और लोगों की मौत हो गई।
प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की आज की घटना के एक दिन पहले भी काफी हिंसा हुई थी जिसमें स्थानीय मीडिया के अनुसार 22 लोगों की मौत हो गई थी। उक्त हिंसा तब हुई थी जब प्रदर्शनकारी छात्रों ने देश में ‘‘पूर्ण बंद’’ का प्रयास किया था। मौतों के आंकड़ों की पुष्टि के लिए अधिकारियों से तत्काल संपर्क नहीं हो सका। इस अराजकता ने बांग्लादेश की शासन व्यवस्था और अर्थव्यवस्था में दरारों और अच्छी नौकरियों की कमी का सामना कर रहे युवा स्नातकों की हताशा को उजागर किया है। सरकार ने परिसरों को बंद करने और विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए पूरी राजधानी में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है। बुधवार को देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय सहित विश्वविद्यालयों ने कक्षाएं निलंबित कर दीं और छात्रावास बंद कर दिए। शुक्रवार को ढाका पुलिस ने कहा कि वे राजधानी में सभी सभाओं और प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।
‘एसोसिएटेड प्रेस’ के एक संवाददाता ने देखा कि सीमा रक्षक अधिकारियों ने 1000 से अधिक प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर गोलियां चलाईं। ये प्रदर्शनकारी सरकारी ‘बांग्लादेश टेलीविजन’ के मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए थे। इस मुख्यालय पर एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने हमला किया था और आग लगा दी थी। सीमा रक्षकों ने भीड़ पर गोलियां चलाईं, जबकि पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलाईं। गोलियां सड़कों पर बिखरी हुई थीं, जहां खून के धब्बे भी थे। ‘बांग्लादेश टेलीविजन’ के एक पत्रकार ने बृहस्पतिवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्य द्वार तोड़ दिया और वाहनों और स्वागत कक्ष क्षेत्र में आग लगा दी।
उन्होंने यह जानकारी नाम गुप्त रखने की शर्त पर दी क्योंकि उन्हें प्रतिशोध लिये जाने का भय था उन्होंने फोन पर कहा, ‘मैं दीवार फांदकर भाग गया लेकिन मेरे कुछ साथी अंदर फंस गए। हमलावर इमारत में घुसे और उन्होंने फर्नीचर में आग लगा दी।’ राजधानी ढाका में बृहस्पतिवार रात को इंटरनेट सेवाएं और मोबाइल डेटा व्यापक रूप से बाधित रहे और शुक्रवार को भी बंद रहे। फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया मंच भी काम नहीं कर रहे थे। शुक्रवार को इंटरनेट बाधित रहा जिसने दुनिया भर में उड़ानों, बैंक, मीडिया आउटलेट और कंपनियों को बाधित किया, लेकिन बांग्लादेश में व्यवधान अन्य जगहों की तुलना में काफी अधिक था।
देश के दूरसंचार नियामक आयोग के एक बयान में कहा गया है कि अपने डेटा सेंटर पर बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला किए जाने के बाद से वे सेवाएं देने में असमर्थ हैं। प्रदर्शनकारियों ने कुछ उपकरणों को आग लगा दी थी। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं कर पाया है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि वे शुक्रवार को भी प्रदर्शन जारी रखेंगे तथा उन्होंने देश भर की मस्जिदों से आग्रह किया कि मारे गए लोगों के लिए वहां जनाजे की नमाज अदा की जाए। प्रमुख विश्वविद्यालयों ने कहा है कि तनाव कम होने तक विश्वविद्यालय बंद रहेंगे।
प्रदर्शनकारी 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं। उनका तर्क है कि यह प्रणाली भेदभावपूर्ण है और प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों को लाभ पहुंचा रही है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया था। छात्र चाहते हैं कि इसे योग्यता आधारित प्रणाली में तब्दील किया जाए। वहीं हसीना ने आरक्षण प्रणाली का बचाव करते हुए कहा कि संघर्ष में योगदान देने वालों को सम्मान मिलना चाहिए चाहे उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।
बांग्लादेश की नेता को बांग्लादेश में स्थिर विकास लाने का श्रेय दिया जाता है, लेकिन बढ़ती मुद्रास्फीति - जो आंशिक रूप से यूक्रेन में युद्ध से उत्पन्न वैश्विक उथल-पुथल के कारण है - ने श्रमिक असंतोष और सरकार के प्रति असंतोष को जन्म दिया है। हालांकि निजी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में नौकरी के अवसर बढ़े हैं, फिर भी बहुत से लोग सरकारी नौकरियों को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि उन्हें ज़्यादा स्थिर और आकर्षक माना जाता है लेकिन हर जगह इतनी नौकरियां नहीं हैं। हर साल, लगभग 400,000 स्नातक सिविल सेवा परीक्षा में लगभग 3,000 नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।
कनाडा स्थित बाल्सिली स्कूल ऑफ़ इंटरनेशनल अफ़ेयर्स में नीति और वकालत प्रबंधक साद हम्मादी ने कहा, "बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह उस पीढ़ी के लिए बहुत परेशान करने वाला है, जिसने केवल सार्वजनिक सेवा भर्ती में उचित अवसर की मांग की थी। राज्य की नीति के खिलाफ़ एक शांतिपूर्ण विरोध अराजकता के चरम पर पहुंच जाएगा, यह सरकार की दूरदर्शिता की कमी और अक्षम नीति शासन को दर्शाता है।" बांग्लादेश ने पहले भी विरोध प्रदर्शनों से प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को बंद किया है, इसका उपयोग विपक्षी दलों द्वारा असंतोष को दबाने के उपाय के रूप में किया गया है।
अपडेटेड 23:37 IST, July 19th 2024