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पब्लिश्ड 18:07 IST, August 27th 2024

2 लाख महिलाओं से रेप, 30 लाख लोगों की हत्या... हिंदुओं पर पाकिस्तानी बर्बरता का वो 'काला अध्याय'

Bangladesh: पाकिस्तानी बर्बरता के 50 साल से अधिक हो गए और अब बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या आधी से भी कम रह गई है।

Reported by: Kunal Verma
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Hindus biggest street protest amid attacks in Bangladesh
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: AP

New Delhi: 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान आर्चर केन्ट ब्लड ढाका में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में तैनात थे। उन्होंने 1971 के उस कत्लेआम के बारे में बताया था, जिसमें बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गई थी। पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर इस नरसंहार में हिंदुओं के खून बहाए, उनके घरों को तोड़ा और जब इससे भी संतोष नहीं हुआ तो उन्होंने महिलाओं से रेप किया।

ये बर्बरता इतिहास के उस काले अध्याय को उजागर करती है, जिसमें पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान की असली औकात सामने आ गई थी। आइए इसे विस्तार से जानते हैं।

हिंदुओं पर पाकिस्तानी बर्बरता का वो 'काला अध्याय'

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के इस ऑपरेशन में 30 लाख से अधिक हत्याएं और 2 लाख से अधिक महिलाओं के साथ रेप की वारदात सामने आई। कई महिलाओं को महीनों तक कैद करके रखा गया। इसकी पुष्टि अमेरिकी लेखक गैरी बास की किताब 'द ब्लड टेलीग्राम' में भी किया गया है। इस दौरान करोड़ों लोग ढाका छोड़कर भारत चले गए। बताया तो ये भी जाता है कि पाकिस्तानी सेना ने इस कदर आतंक मचाया था कि गंगा नदी, जिसे ढाका में पद्मा नदी कहते हैं, उसका पानी लाल हो गया था।

बताया जाता है कि 10 महीने के पाकिस्तानी ऑपरेशन, जो 25 मार्च 1971 में शुरू हुआ था, में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार में काफी बढ़ोत्तरी हुई थी। वहीं, अब एक बार फिर शेख हसीना के गद्दी छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में ये तो साफ है कि भारत को बांग्लादेश के हिंदुओं की चिंता क्यों है। हालांकि, देखना ये है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कदम उठाती है।

बांग्लादेश में ऐसे कम होते गए हिंदू

बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टेटिसटिक्स के अनुसार, साल 1947 में बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या 31 प्रतिशत थी। ये 1951 में 22 प्रतिशत, 1961 में 18.5 प्रतिशत, 1974 में 13.5 प्रतिशत, 1981 में 12.1 प्रतिशत, 1991 में 10.5 प्रतिशत, 2001 में 9.2 प्रतिशत, 2011 में 8.5 प्रतिशत और 2022 में 7.95 प्रतिशत हो गई। कुछ रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि हर 10 साल में बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या 15 लाख कम हो जाती है। 

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अपडेटेड 18:07 IST, August 27th 2024