Published 10:44 IST, May 14th 2024
PoK में बगावत की आग, लंदन तक हिल गया...पाकिस्तान के खिलाफ भारी गुस्सा
गेहूं के आटे, बिजली की बढ़ती कीमतों और अधिक टैक्स के खिलाफ PoK में अशांति फैली हुई है। मुजफ्फराबाद में सड़कें जाम पड़ी हैं। सड़क पर टायर जल रहे हैं।
Pakistan-occupied Kashmir: पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) आज धधक रहा है। पीओके की जनता में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। सड़कों पर प्रदर्शनकारी उतरे हैं तो कई दिनों से कुछ लोग पूर्ण हड़ताल पर बैठे हैं। तकरीबन 5 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन यहां की हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं। खासकर मुजफ्फराबाद में प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच झड़पों के चलते माहौल ज्यादा तनावपूर्ण हो चुका है। पूरे पीओके में कुछ लोगों की बेमौत जान तक जा चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग हिंसा की आग में झुलस चुके हैं। आंच यूके तक पहुंच चुकी है, जहां पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुआ है।
पीओके की जनता लंबे समय से पाकिस्तानी फौज और सरकार की तानाशाही के खिलाफ लड़ती रही है। महंगाई की मार ने आवाम की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। ऐसे में गेहूं के आटे, बिजली की बढ़ती कीमतों और अधिक कर के खिलाफ पीओके में अशांति फैली हुई है। मुजफ्फराबाद में सड़कें जाम पड़ी हैं। बीच सड़क पर टायर जल रहे हैं और लोगों का हुजूम अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहा है।
मुजफ्फराबाद में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प
मुजफ्फराबाद में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई है। अवामी एक्शन कमेटी ने मंगला बांध से कर मुक्त बिजली और गेहूं के आटे पर सब्सिडी की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। रात भर पुलिस के एक्शन से हड़ताल को बढ़ावा मिला। नतीजन कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। मुजफ्फराबाद, दादियाल, मीरपुर और पीओके के अन्य हिस्सों में कानून प्रवर्तन और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं।
यूके में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन
यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) ने पीओके के हालातों को लेकर एकजुटता दिखाई है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यूनाइटेड किंगडम के ब्रैडफोर्ड में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के बाहर एक विरोध प्रदर्शन किया। यूकेपीएनपी के एक बयान के अनुसार, विरोध प्रदर्शन के दौरान कई पार्टी नेताओं और कश्मीरी प्रवासी लोगों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान (पीओजीबी) के लोगों के चल रहे संघर्ष के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।
पाकिस्तान ने क्या कदम उठाए?
पीओके की जनता के गुस्सा के आगे पाकिस्तान सरकार झुक चुकी है। देश की सरकार को क्षेत्र में बढ़ती अशांति को खत्म करने के लिए तत्काल 23 अरब रुपये आवंटित करने पड़े। उसके अलावा बिजली दरों में कटौती की घोषणा कर दी गई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बयान में कहा कि वो स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं। शहबाज शरीफ ने एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी, जिसमें पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवार-उल हक भी थे। बैठक में पीओके के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए 23 अरब रुपये के तत्काल अनुदान को मंजूरी दी गई।
Updated 10:44 IST, May 14th 2024