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Published 16:11 IST, December 12th 2024

Bangladesh: मुजीब-उर-रहमान का 'जॉय बांग्ला' अब बांग्लादेश में राष्ट्रीय नारा नहीं रहा

बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें जॉय बांग्ला को देश का राष्ट्रीय नारा घोषित किया गया था।

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जॉय बांग्ला अब बांग्लादेश में राष्ट्रीय नारा नहीं रहा। | Image: AP/File

Bangladesh National slogan: बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें ‘जॉय बांग्ला’ को देश का राष्ट्रीय नारा घोषित किया गया था। बंगबंधु शेख मुजीब-उर-रहमान ने इस नारे को प्रसिद्ध दिलाई थी। रहमान की बेटी शेख हसीना को पांच अगस्त को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। हाल में देश के केंद्रीय बैंक ने मुद्रा नोट से रहमान की तस्वीर हटाने का फैसला किया है। सरकार बदलने के बाद, नई सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने के लिए कदम उठाया और दो दिसंबर को उच्चतम न्यायालय में अपील याचिका दायर कर 10 मार्च 2020 के उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की अपील की।

समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ ने बुधवार को खबर दी कि प्रधान न्यायाधीश सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली अपीलीय डिवीजन की पूर्ण पीठ ने मंगलवार को इस आधार पर आदेश पारित किया कि राष्ट्रीय नारा सरकार का नीतिगत निर्णय है और न्यायपालिका इस मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल अनीक आर हक ने कहा, “अपीलीय डिवीजन के आदेश के बाद ‘जॉय बांग्ला’ को राष्ट्रीय नारा नहीं माना जाएगा।”  छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़कर चले जाने के बाद, मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने आठ अगस्त को कार्यभार संभाला।

उच्च न्यायालय ने 10 मार्च 2020 के फैसले में ‘जय बांग्ला’ को देश का राष्ट्रीय नारा घोषित किया था और सरकार को आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया था ताकि इस नारे का इस्तेमाल सभी सरकारी समारोहों और शैक्षणिक संस्थानों के कार्यक्रमों में किया जा सके। समाचार पोर्टल ‘राइजिंगबीडी.कॉम’ के मुताबिक, बाद में 20 फरवरी 2022 को हसीना के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने इसे राष्ट्रीय नारे के रूप में मान्यता देते हुए एक नोटिस जारी किया और अवामी लीग सरकार ने दो मार्च 2022 को गजट अधिसूचना जारी की। बीती एक दिसंबर को शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के एक अन्य फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस और सार्वजनिक अवकाश घोषित करने को उचित ठहराया गया था। इससे पहले 13 अगस्त को अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद ने निर्णय लिया था कि 15 अगस्त को कोई राष्ट्रीय अवकाश नहीं होगा।
 

Updated 16:11 IST, December 12th 2024