Published 13:10 IST, December 8th 2024
सीरिया में तख्तापलट से इजरायल में क्यों होने लगी हलचल? उत्तरी सीमा पर फोर्स लगा रहे हैं नेतन्याहू
इजरायल की सेना ने कहा कि वो सीरिया की घटनाओं में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं, बल्कि सीरिया के साथ सीमा पर अपनी तैनाती को मजबूत कर रहे हैं।
Syria-Israel Border: सीरिया में विद्रोहियों के सत्ता हथियाने के बाद इजरायल में बड़ी हलचल होने लगी है। रविवार को सीरिया में विद्रोहियों ने बसर अल-असद की सरकार का तख्तापलट कर दिया। 2018 के बाद से पहली बार दमिश्क के भीतर विद्रोहियों घुस गए और नतीजन राष्ट्रपति बसर अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा। ऐसे में इजरायल के भीतर हलचल है और बेंजामिन नेतन्याहू ने सीरिया से लगती उत्तरी सीमा पर सेना की तैनाती बढ़ा दी है।
इजरायली लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने कहा कि सेना सीरियाई सीमा पर नजर रख रही है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि स्थानीय गुट हमारी ओर कोई कार्रवाई ना करें। उन्होंने आगे कहा कि इजरायल सीरिया की घटनाओं में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है। इजरायल की सेना ने कहा है कि वो सीरिया के साथ सीमा पर अपनी तैनाती को मजबूत कर रही है। हलेवी ने कहा कि अगर भ्रम पैदा होता है और सीरिया के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण करने वाले स्थानीय गुट इजरायल की ओर कार्रवाई करते हैं तो इजरायल के पास एक मजबूत आक्रामक प्रतिक्रिया है।
गोलान हाइट्स इलाके की सुरक्षा के लिए सेना तैनात
इजरायल ने सीरिया के साथ उत्तरी सीमा पर विसैन्यीकृत बफर जोन में सेना तैनात की है। इजरायली सेना ने कहा कि उसने अपनी रक्षा के लिए जरूरी अन्य स्थानों पर भी सैनिक भेजे हैं। सेना की तैनाती का उद्देश्य इजरायली-नियंत्रित गोलान हाइट्स के निवासियों को सुरक्षा देना है।
इजरायल ने 1967 के मध्यपूर्व युद्ध में सीरिया से उस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था और बाद में उसे अपने में मिला लिया था। ये एक ऐसा कदम था, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के ज्यादातर लोगों ने मान्यता नहीं दी, जो इस क्षेत्र को कब्जा हुआ मानते हैं। बाद में हुए युद्धविराम समझौते ने दोनों देशों के क्षेत्रों के बीच एक विसैन्यीकृत बफर जोन बनाया, जिससे क्षेत्र में किसी भी पक्ष की सैन्य उपस्थिति या गतिविधि पर रोक लग गई। संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक 1974 से इस क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं।
सीरिया में अल-असद के शासन का अंत
रविवार को सीरियाई सरकार अचानक गिर गई, जिससे असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया। राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर भाग निकले हैं और किसी अज्ञात जगह पर चले गए हैं। फिलहाल राजधानी दमिश्क में सड़कों पर विद्रोही खड़े हैं, जीत का जश्न गोलियों की बौछारों के साथ मनाया जा रहा है और घोषणा कर दी गई है कि दमिश्क अब असद से आजाद हो गया है।
सीरिया की सेना कमान ने सूचित किया कि राष्ट्रपति बशर अल-असद का शासन विद्रोहियों के तेज हमले के बाद समाप्त हो गया है। सीरियाई विद्रोही पहले ही 4 प्रमुख शहरों पर कब्जा कर चुके थे। इनमें दारा, कुनेत्रा, सुवेदा और होम्स शहर शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 4 शहरों को कब्जाने के बाद सीरियाई विद्रोही राजधानी दमिश्क में घुसे, जिसके कारण राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर भागना पड़ा और इससे विद्रोही मजबूत हो गए। आखिर में इस खूनी लड़ाई को विद्रोही जीत गए।
Updated 13:10 IST, December 8th 2024