पब्लिश्ड 13:51 IST, November 4th 2024
कनाडा तक गया CM योगी का संदेश; ब्रैम्पटन में मंदिर पर हमला तो हिंदू बोले- बंटेंगे तो कटेंगे,इसलिए...
कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया। इसको लेकर हिंदुओं में आक्रोश है और ब्रैम्पटन में ही विरोध जताया।
Brampton Hindu Mandir Attack: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाला संदेश कनाडा तक पहुंच गया है। कनाडा के ब्रैम्पटन में हुए हिंदू मंदिर पर हमले के बाद वहां 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा गूंजा है। हिंदुओं ने आपस में एकता बढ़ाने पर जोर दिया है और योगी आदित्यनाथ का संदेश भी सभी तक पहुंचाने की कोशिश की गई है।
हालिया हमले के बाद ये कहना गलत नहीं है कि हिंदुओं के लिए अब कनाडा भी सुरक्षित नहीं रहा है। जस्टिन ट्रूडो की सरकार में हिंदू मंदिरों को टारगेट किया जा रहा है। पिछले दिन ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर को निशाना बनाते हुए खालिस्तानी चरमपंथियों ने हिंदुओं को पीटा। सबसे बड़ी हैरानी वाली बात ये दिखी है कि कनाडा की पुलिस खालिस्तानी चरमपंथियों पर एक्शन के बजाय हिंदुओं को ही दबाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में अब कनाडा में हिंदुओं ने भी एकजुट होने की अपील की है।
'हमला हिंदू सभा पर नहीं, सब हिंदुओं के ऊपर है'
ब्रैम्पटन में जिस हिंदू सभा मंदिर पर हमला हुआ, वहां के हिंदू पुजारी लोगों से एकजुट रहने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को योगी आदित्यनाथ वाला संदेश पहुंचाने की कोशिश की है कि हम 'बंटेंगे तो कटेंगे'। मंदिर के पुजारी ने लोगों से कहा कि 'सबको एक होना पड़ेगा'। ये हमला हिंदू सभा पर नहीं है, ये हमला सब हिंदुओं के ऊपर है। हम सबको एक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज समय आ गया है कि हम लोग अपने बारे में नहीं, अपनी आने वाली संतति के बारे में सोचना पड़ेगा। हम किसी का विरोध नहीं करते, लेकिन कोई हमारा विरोध करेगा तो उसको छोड़ेगे नहीं, तोड़ेंगे।
खालिस्तानी समर्थकों ने बनाया हिंदू मंदिर को निशाना
जानकारी के मुताबिक, ब्रैम्पटन में रविवार को हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया। हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। वो लाठी डंडे के साथ पूरी तैयारी से आए थे। उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए। खालिस्तानी समर्थकों ने हाथों में पीले झंडे लेकर मंदिर परिसर में हंगामा किया। हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन का आरोप है कि ये हमला खालिस्तानी राजनेताओं के समर्थन से हो रहे हैं।
अपडेटेड 13:51 IST, November 4th 2024