पब्लिश्ड 12:25 IST, September 1st 2024
क्यों खामोश मोहम्मद यूनुस? बांग्लादेश में छीनी जा रहीं हिंदुओं की नौकरी, 49 टीचर से जबरन लिए इस्तीफे
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब हिंदुओं को सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
Bangladesh Hindu: बांग्लादेश में करीब दो हफ्ते पहले अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बावजूद स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हुई है। खासकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हमलों और अत्याचारों का सामना करने के बाद अब हिंदुओं को सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के रूप में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अल्पसंख्यक समुदायों के कम से कम 49 टीचर्स को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं और दावा है कि इस्लामवादियों ने बेकरगंज सरकारी कॉलेज बरिशाल की प्रिंसिपल प्रो. शुक्ला रानी हलदर को हिंदू होने के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। ढाका यूनिवर्सिटी के गणित विभाग के प्रोफेसर डॉ. चंद्रनाथ पोद्दार को भी इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। काजी नजरूल यूनिवर्सिटी के एक एसोसिएट प्रोफेसर संजय कुमार मुखर्जी के साथ भी ऐसा हुआ है।
'I Resign' लिखाकर छीनी जा रही नौकरी
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शिक्षाविदों से सिर्फ दो शब्द 'I Resign' लिखवाकर नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये लोग हिंदुओं को नौकरियों से इस्तीफा देने के लिए भी मजबूर कर रहे हैं। 5 अगस्त के बाद से बांग्लादेश में अब तक तकरीबन 49 हिंदू टीचर और प्रोफेसरों से जबरन इस्तीफा दिलवाया गया है। इस्लामिक छात्र इकाई इस काम में लगी है।
बांग्लादेश में हिंदू परिवारों पर हुए हमले
इसके पहले बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाते हुए हमले हो रहे थे। अनगिनत हिंदू परिवारों के घरों को फूंका जा चुका है। बांग्लादेश में 23 धार्मिक संगठनों के एक राष्ट्रीय गठबंधन बांग्लादेश जातीय हिंदू मोहजोत (BJHM) की मानें तो 5 अगस्त से देश के 50 से ज्यादा जिलों में लगभग 300 जगहों पर हिंदू परिवारों को हिंसा और बर्बरता का सामना करना पड़ा है। सैकड़ों अल्पसंख्यकों की जान अब तक जा चुकी है।
अपडेटेड 12:25 IST, September 1st 2024