sb.scorecardresearch

Published 09:17 IST, December 4th 2024

संसद पर हेलीकॉप्टर, सड़कों पर जनता और टैंक...मार्शल लॉ पर 6 घंटे तक साउथ कोरिया में क्या-क्या हुआ?

साउथ कोरिया के राष्‍ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार देर रात बड़ा फैसला लेते हुए पूरे देश में लगाए गए मार्शल लॉ की घोषणा कर दी।

Reported by: Digital Desk
Follow: Google News Icon
  • share
South Korean Parliament, Martial Law
High security in South Korean capital Seoul after Parliament votes to lift martial law | Image: AP

साउथ कोरिया के राष्‍ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार देर रात बड़ा फैसला लेते हुए पूरे देश में लगाए गए मार्शल लॉ की घोषणा कर दी। संसद में भारी घमासान और वोटिंग के बाद ये फैसला लिया गया। इस ऐलान के बाद से वहां की जनता सड़कों पर उतर आई। राजधानी सियोल की गलियों में आर्मी के टैंक घूमने लगे।

हालात बेकाबू होते देख राष्‍ट्रपति योल ने 6 घंटे के अंदर अपना फैसना पर वापस ले लिया। अब सवाल ये है कि आखिर उन 6 घंटों में ऐसा क्या-क्या हुआ जो राष्‍ट्रपति को बैकफुट पर आकर अपना फैसला वापस लेना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार ढंग से समझने की जरूरत है। सबसे पहले जान लीजिए मार्शल लॉ होता क्या है।

क्या होता है मार्शल लॉ?

मार्शल लॉ किसी भी देश में सरकार द्वारा घोषित एक न्यायिक व्यवस्था होती है। इसमें सैन्य बलों को एक क्षेत्र पर शासन और नियंत्रण करने का अधिकार दिया जाता है। यह जरूरी नहीं होता कि मार्शल लॉ पूरे देश में ही लागू हो। इसे देश के किसी भी छोटे हिस्से में लगाया जा सकता है और इसे ही सैनिक कानून कहा जाता है।

मार्शल लॉ आमतौर पर तब घोषित किया जाता है जब सरकार व्यापक नागरिक अशांति, प्राकृतिक आपदाओं या आक्रमण के खतरों का सामना करती है। दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ को आखिरी बार 1980 में राजनीतिक उथल-पुथल के समय लागू किया गया था। उस समय ग्वांगजू विद्रोह हुआ था, जब सरकार को विरोध का सामना करना पड़ा था। देश के पास एक मजबूत कानूनी ढांचा और सैन्य तत्परता तो है ही, लेकिन मार्शल लॉ को हमेशा लास्ट ऑप्शन माना जाता है।

अब जानिए क्या-क्या हुआ

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार देर रात 11 बजे देश को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान देश में इमरजेंसी मार्शल लॉ लगाए जाने की घोषणा की। उन्होंने इसके पीछे वजह विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वह सरकार को पंगु बनाने की कोशिश कर रहा है।

राष्ट्रपति योल ने कहा कि विपक्षी देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त है और उत्तर कोरिया के एजेंडे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों के खतरों से बचाने और देशविरोधी तत्वों को खत्म करने के लिए मैं इमरजेंसी मार्शल लॉ की घोषणा करता हूं। उन्होंने देश की स्वतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए इसे आवश्यक बताया।

संसद में क्या कुछ हुआ?

इस घोषणा के बाद सांसदों को संसद के अंदर जाने से रोकने के लिए संसद भवन पर और अधिक सुरक्षा बलों ने नेशनल असेंबली को सील कर दिया, छत पर हेलीकॉप्टर उतारे गए और सैनिकों ने कुछ समय के लिए इमारत में प्रवेश किया। लेकिन इन सब के बावजूद भी 190 सांसद अंदर घुसने में कामयाब रहे और सर्वसम्मति से राष्ट्रपति यून की घोषणा को खारिज कर दिया। इन सांसदों ने अपनी आवाज उठाते हुए तुरंत मार्शल लॉ को हटाने की मांग की। मार्शल लॉ के खिलाफ संसद के बाहर भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए जो राष्ट्रपति की ही गिरफ्तारी की मांग करने लगे।

मार्शल लॉ को लागू करने को लेकर सांसदों ने इस फैसले के खिलाफ वोटिंग की। इस वोटिंग के बाद राष्ट्रपति यून पीछे हट गए। योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि उनके मंत्रिमंडल ने आदेश को हटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति यून ने सुबह साढ़े चार बजे अपने एक संबोधन में कहा कि अभी कुछ ही समय पहले, नेशनल असेंबली से आपातकाल हटाने की मांग की गई थी, और हमने मार्शल लॉ ऑपरेशन के लिए तैनात सेना को वापस बुला लिया है। दक्षिण कोरिया के संविधान के तहत मार्शल लॉ हटाने के लिए संसदीय वोट का सम्मान किया जाना चाहिए। 

इसे भी पढ़ें- जंगल में लिव इन पार्टनर का रेप, कत्ल के बाद शव के 50 टुकड़े कर जानवरों को परोसा; सिहर उठा देश

Updated 09:17 IST, December 4th 2024