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पब्लिश्ड 13:42 IST, January 13th 2025

China drill: दगाबाज चीन की नीयत में खोट ही खोट... शांति पहल के तुरंत बाद LAC पर की मिलिट्री ड्रिल, बढ़ सकती है टेंशन

चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर टेंशन बढ़ाने वाला काम कर दिया है। अक्टूबर 2024 में हुए शांति समझौते के बाद चीन अब LAC पर मिलिट्री ड्रिल करने लगा है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
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china military exercise
china military exercise | Image: AP/File

China drill: चीन की फितरत हमेशा धोखे और नीयत में खोट की रही है। चीन अपनी इन हरकतों से कभी बाज नहीं आया है। ताकत के बल पर अपने पड़ोसी मुल्कों को दबाने की कोशिश करने वाले चीन ने भारत से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर मिलिट्री ड्रिल की है। धोखेबाज चीन ने पिछले साल वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर पीछे हटने के बाद ऐसा कदम उठाया है, जिससे सीमा पर टेंशन बढ़ सकती है।

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) मिलिट्री ड्रिल में आधुनिक हथियारों के साथ अभ्यास कर रही है। पूर्वी लद्दाख में LAC के पास चीनी सेना ने एक उच्च ऊंचाई वाले पठारी क्षेत्र में युद्ध अभ्यास किया है, जिससे गंभीर स्थितियों के लिए तैयारी और युद्ध में जरूरी सामग्री पहुंचाने के ऑपरेशन पर फोकस रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैन्य अभ्यास में ड्रोन, मानव रहित सिस्टम, गंभीर परिस्थितियों में सैन्य गतिशीलता बढ़ाने वाले एक्सोस्केलेटन समेत उन्नत सैन्य तकनीक का इस्तेमाल किया गया। ये अलग बात है कि चीन की दगाबाजी को भारत भली-भांति जानता है। भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए दृढ़ है। इसीलिए PLA की हालिया मिलिट्री ड्रिल के बीच भारतीय सेना ने सतर्कता बढ़ा दी है।

अक्टूबर 2024 में सीमा पर हुई थी शांति की पहल

भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद रहा है। 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प ने भारत और चीन के बीच तनाव को बढ़ाने का काम किया। एक समय दोनों देश युद्ध की कगार पर आकर खड़े हो गए थे। लगभग 4 साल तक दोनों मुल्कों में सीमा पर तनातनी रही और बाद में बातचीत से शांति का रास्ता निकाला गया। तनाव को कम करने के उद्देश्य से अक्टूबर 2024 में भारत और चीन ने शांति के लिए समझौता किया।

भारत-चीन के बीच 2024 में क्या समझौता हुआ?

अक्टूबर 2024 का समझौता तनाव कम करने की प्रक्रिया में मील का पत्थर साबित हुआ, जिससे देपसांग और डेमचोक जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त फिर से शुरू होने लगी, जो सालों से विवाद का हिस्सा रही। दोनों देशों ने इस संवेदनशील क्षेत्र को लेकर सहमति व्यक्त की थी। समझौते के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच एक हाईलेवल मीटिंग भी हुई। इन चर्चाओं में LAC मुद्दे के व्यापक समाधान पर ध्यान केंद्रित किया गया। समझने वाली बात ये है कि चीन-भारत के बीच ये समझौता सिर्फ लद्दाख को लेकर हुआ था, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के इलाके शामिल नहीं थे, जहां चीन दावा करता रहता है। इसके पहले साल 2022 में भारत और चीन ने गलवान और पैंगोंग झील के मामलों को सुलझा लिया था।

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अपडेटेड 13:42 IST, January 13th 2025