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Published 09:41 IST, November 27th 2024

इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच जंग रुकी; किन शर्तों पर सहमति, फिर हमले हुए तो क्या करेंगे नेतन्याहू, जानिए

Israel-Hezbollah Ceasefire: दो महीने के लिए इजरायल और हिजबुल्लाह में सीजफायर पर समझौता हुआ है, लेकिन बातचीत जारी रहने के साथ स्थिति अस्थिर बनी हुई है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
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Israel PM Benjamin Netanyahu
Israel PM Benjamin Netanyahu | Image: Facebook
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Ceasefire between Israel-Hezbollah: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जंग रुक गई है। महीनों की झड़पों और हजारों लोगों की मौत के बाद इजरायल और हिजबुल्लाह ने अस्थाई तौर पर सीजफायर का समझौता किया है। इसके बाद युद्ध विराम आधिकारिक रूप से प्रभावी हो गया है। बुधवार की सुबह युद्ध विराम लागू होने के बाद से नए सिरे से लड़ाई के कोई संकेत नहीं मिले।

इजरायल और लेबनान के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है, जो पिछले साल 8 अक्टूबर को शुरू हुआ था, जब हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास और फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए इजरायल-नियंत्रित क्षेत्र पर हमला किया था। इस घटना ने सीमा पर कई हमलों को जन्म दिया, जो आखिरी में सितंबर के मध्य जाकर इजरायल की ओर से शुरू किए गए एक बड़े सैन्य हमले में बदल गया। इस जंग में इजरायल की ओर से जमीनी आक्रमण देखे गए, जिसके परिणामस्वरूप हिजबुल्लाह के कई नेता मारे गए, जिनमें इसके संस्थापक हसन नसरल्लाह भी शामिल है। फिलहाल दो महीने के लिए इजरायल और हिजबुल्लाह में सीजफायर पर समझौता हुआ है, लेकिन बातचीत जारी रहने के साथ स्थिति अस्थिर बनी हुई है।

इजरायल-हिजबुल्लाह में किन शर्तों पर सीजफायर?

समझौते में दो महीने के लिए लड़ाई रोकने की बात कही गई है और इसके तहत हिजबुल्लाह को दक्षिणी लेबनान के एक बड़े हिस्से में अपनी सशस्त्र उपस्थिति समाप्त करनी होगी, जबकि इजरायली सैनिक सीमा के अपने हिस्से में वापस लौट जाएंगे। हजारों अतिरिक्त लेबनानी सैनिक और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक दक्षिण में तैनात होंगे, और संयुक्त राज्य अमेरिका की अध्यक्षता वाला एक अंतरराष्ट्रीय पैनल सभी पक्षों के अनुपालन की निगरानी करेगा।

इजराइल-हिजबुल्लाह संघर्ष में मौतें

  • मौत: लेबनान में 3768, इजरायल में करीब 130
  • विस्थापित: लेबनान में 1.2 मिलियन लोग विस्थापित। इजरायल में तकरीबन 46 हजार लोगों ने घर छोड़े।
  • नुकसान: लेबनान में करीब 1 लाख घर बर्बाद। 8.5 बिलियन डॉलर का नुकसान।
  • हमले: हिजबुल्लाह की ओर से 2454 बार हमले हुए। इजरायल ने 13478 स्ट्राइक कीं।

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नेतन्याहू सीजफायर पर कैसे राजी हुए?

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर समझौते के पीछे 3 वजह बताते हैं। बेंजामिन नेतन्याहू के अनुसार, पहला ये कि इजरायल को ईरानी खतरे पर फोकस करना है। दूसरा इजरायल को अपने सुरक्षाबलों को राहत देने है और अपना हथियारों का जखीना फिर से मजबूत करना है। इजरायल इस बात को भी दरकिनार नहीं कर सकता है कि उसको मिलने वाले हथियारों और युद्ध सामग्री की डिलीवरी में ज्यादा देरी हो रही है।

युद्ध विराम करने का तीसरा कारण मोर्चों को अलग करना है। अगर हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर हो रहा है तो इससे संभावनाएं हैं कि हमास अलग-थलग पड़ जाएगा। वो इसलिए कि युद्ध के दूसरे मोर्चे पर हमास अपने पक्ष में लड़ने के लिए हिजबुल्लाह पर भरोसा कर रहा था। हिजबुल्लाह के बाहर होने के बाद हमास अपने दम पर रह गया है। इससे इजरायल का हमास पर दबाव बढ़ सकता है और नेतन्याहू की सेना अपने बंधकों को रिहा करने के मिशन में भी तेजी ला सकती है।

सीजफायर बनाए रखना एक बड़ा सवालिया निशान

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर समझौता जरूर हो गया है, लेकिन इसका इंप्लीमेंटेशन एक बड़ा सवालिया निशान बना हुआ है। इजरायल ने हिजबुल्लाह की ओर से अपने दायित्वों का उल्लंघन किए जाने पर कार्रवाई करने के अधिकार की मांग की है। लेबनानी अधिकारियों ने प्रस्ताव में इसे लिखने से इनकार कर दिया है।

इसमें अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि अगर हिजबुल्लाह सीजफायर की शर्तों को तोड़ता है तो इजरायल लेबनान में कार्रवाई फिर से शुरू करने का अधिकार सुरक्षित रखता है, लेकिन ये समझौता 'शत्रुता की स्थायी समाप्ति के लिए बनाया गया था।' नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इजरायल इस समझौते को सुरक्षित करने में अमेरिकी प्रयासों की सराहना करता है लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए हर खतरे के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

लेबनान से फिर हमले हुए तो क्या करेंगे नेतन्याहू?

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया कि इस सीजफायर की अवधि इस बात पर निर्भर करेगी कि लेबनान में क्या होता है। नेतन्याहू कहते हैं- 'संयुक्त राज्य अमेरिका की पूरी समझ के साथ हम सैन्य कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता बनाए रखते हैं। अगर हिजबुल्लाह समझौते का उल्लंघन करता है और खुद को हथियारबंद करने की कोशिश करता है, तो हम हमला करेंगे। अगर वो सीमा के पास आतंकवादी बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण करने की कोशिश करता है, तो हम हमला करेंगे। अगर वो रॉकेट लॉन्च करता है, सुरंग खोदता है या रॉकेट ले जाने वाला ट्रक लाता है तो हम हमला करेंगे।'

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