Garima Garg

Dhanteras 2024: धनतेरस पर पढ़ें धन्वंतरि जी के स्तोत्र, मंत्र और आरती

Dhanvantari Aarti & Mantra in hindi: धनतेरस के पावन मौके पर आप धन्वंतरि जी के कौन-से मंत्र, स्तोत्र और आरती पढ़ सकते हैं, जानते हैं इस लेख के माध्यम से... 

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Dhanteras 2024: धन्वं‍तरि जी की आरती

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।

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आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।

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धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

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धनवंतरि मंत्र

  • ॐ धन्वन्तरये नमः॥
  • "ओम तत् पुरुषाय विद्महे अमृता कलश हस्तय धीमहि तन्नो धन्वंतरिप्रचोदयात।"

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ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूपाय श्रीधन्वन्तरीस्वरूपाय श्रीश्रीश्री औषधचक्राय नारायणाय नमः॥ 

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“नमनि धन्वंतरी आदि देवं, सुरसुर वंदीथम पद पद्मम, लोके जरा रुग्भयमृत्यु नशकम, दाताराम ईशम विविदौषधिनाम"

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स्तोत्र

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम
कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम

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वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

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अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय।
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धन्वं‍तरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः।

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