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आस्था ही नहीं, अर्थव्यवस्था का भी महा मेला है महाकुंभ; छप्पर फाड़ होगी सरकार की कमाई

संगम की रेती पर आयोजित विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुंभ, सोमवार के स्नान पर्व से शुरू होने जा रहा है। जिसके लिए मेला प्रशासन ने पूरी तरह से तैयारी का दावा किया है। 

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महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का परिचायक है। यह आयोजन देश और दुनिया में बसे भारतीयों को अपनी प्राचीन परंपराओं पर गर्व करने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों को समझने का अवसर देता है।

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ये महाकुंभ भव्य, दिव्य और डिजिटल होगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डिजिटल टूरिस्ट मैप, AI से जुड़े सुरक्षा तंत्र और स्मार्टफोन के माध्यम से शौचालयों की स्वच्छता का आकलन करने की व्यवस्था की गई है।

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2024 में 16 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ के दर्शन किए, जनवरी 2024 से सितंबर तक अयोध्या में 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचें। महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

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सीएम योगी को इस महाकुंभ से प्रदेश में दो लाख करोड़ रुपये तक की आर्थिक वृद्धि होने की उम्मीद है।

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संगम घाट और अन्य घाट स्नान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस बार संगम तट के अलावा नदी के बीच में कई ‘चेंजिंग रूम’ बनाए गए हैं और सभी नाविकों को यात्रियों के लिए लाइफ जैकेट दिए गए हैं।

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घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को विशेष महत्व देते हुए महाकुंभ में पहली बार ‘अंडर वॉटर ड्रोन’ तैनात किया गया है जो 24 घंटे पानी के भीतर हर गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम है।

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महाकुंभ का स्नान पर्व 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ शुरू होकर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक चलेगा। मुख्य स्नान पर्व 14 जनवरी (मकर संक्रांति) 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और तीन फरवरी (बसंत पंचमी) का है।

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