फिर सामने आया पाकिस्तान का असली चेहरा! दहशतगर्दों की होने लगी हत्या तो उन्हें बचाने में जुटा ISI; दे रहा बुलेटप्रूफ गाड़ियां
Pakistan Terrorists: पाकिस्तान में छिपे भारत के दुश्मनों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। इसी वजह से आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान डर से कांप रहा है। भारत की बढ़ती ताकत को देखकर पाकिस्तान ऐसा घबरा गया है कि अब आतंकियों को ही बचाने में लग गया है। जानकारी मिल रही है कि खुफिया एजेंसी ISI की तरफ से पाकिस्तान में छिपे टॉप आतंकवादियों को अतिरिक्त सुरक्षा दी जा रही है।
स्टोरी की खास बातें
- पाकिस्तान में छिपे आतंकियों को दी जा रही अतिरिक्त सुरक्षा
- आतंकियों के ठिकानों के आसपास सुरक्षा बलों की तैनाती
- आतंकियों को बुलेटप्रूफ गाड़ियां भी उपलब्ध करा रहा आतंकिस्तान
पाकिस्तान में छिपे आतंकियों को दी जा रही अतिरिक्त सुरक्षा
हाल के ही दिनों में कई आतंकियों को अज्ञात लोगों और एजेंसी ने मौत के घाट उतार दिया था, जिससे बाकी बचे आतंकियों में खौफ का माहौल है। आलम ये है कि जो आतंकी कुछ समय पहले तक सार्वजनिक स्थलों पर देखे जा रहे थे, वो अब अंडर ग्राउंड हो रहे हैं। जो आतंकी कथित तौर पर जेल में बंद हैं, उन्हें भी पाकिस्तानी ISI की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद, डी कंपनी, लश्कर ए तैयबा, लश्कर-ए-जब्बर और लश्कर-आई-जांगवी समेत कई आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकियों को पाकिस्तान में सुरक्षा प्रदान की गई है, जिनमें 'लश्कर ए तैयबा' प्रमुख हाफिज सईद, मुंबई हमले का मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, जैश-ए-मुहम्मद का संचालक मसूद अजहर, हाफिज सईद के रिश्तेदार और आंतकी अब्दुल रहमान मक्की, जफर इकबाल और जकी-उर-रहमान लखवी शामिल है।
पाकिस्तान को सता रहा डर
पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में कुछ दिन पहले ही ख्वाज शाहिद उर्फ मियां मुजाहिद मारा गया था। इससे पहले पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम की 'डी कंपनी' का गुर्गा मोहम्मद सलीम मारा गया था, लेकिन आज तक ये नहीं पता चल पाया कि इन लोगों को किन लोगों और किस एजेंसी ने मौत के घाट उतारा। यही वजह है कि पाकिस्तान को डर सताने लगा है कि जिन लोगों की आड़ में वो जिंदा है, एक दिन उनका खात्मा होने के बाद पाकिस्तान का क्या होगा।
ये भी पढ़ेंः मुंबई हमले के बाद क्यों नहीं किया गया पाकिस्तान पर हमला, क्या थी रणनीति और कैसे मिली भारत को सफलता?
इनपुटः ब्यूरो रिपोर्ट रिपब्लिक भारत