ताइवान में 1 लाख भारतीय वर्कर्स को मिलेगी नौकरी! सोशल मीडिया पर मचा बवाल तो चीन पर क्यों भड़की सरकार?
Taiwan to hire Indian workers: अमेरिकी मीडिया में चर्चा चल रही है कि भारत और ताइवान के बीच अगले महीने कथित रूप से एक लाख मजदूरों को ताइवान भेजने की बात चल रही है। इसको लेकर ताइवान के सोशल मीडिया पर बवाल मच गया और इसके जवाब में ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय मजदूरों को अपमानित करने वाली नस्लवादी टिप्पणियों में वृद्धि हुई है, जिसका जिम्मेदार चीन है। ताइवानी लेबर मिनिस्टर के अनुसार, सोशल मीडिया पर जो कुछ भी चल रहा है, वो पूरी तरह से चीनी प्रोपेगेंडा है और मजदूरों की संख्या पर तो अभी तक कोई बात ही नहीं हुई है।
स्टोरी की खास बातें
- क्या एक लाख मजदूरों की भर्ती करेगा ताइवान?
- सोशल मीडिया पर बवाल मचने का कारण क्या है?
- जानिए इस मामले की पूरी सच्चाई
सोशल मीडिया पर बवाल मचने का कारण क्या है?
सबसे पहले आपको ये बता दें कि इस साल सितंबर में ताइपे द्वारा कई क्षेत्रों में भारतीय मजदूरों को काम पर रखने में रुचि व्यक्त करने के बाद ताइवान और भारत के बीच माइग्रेशन और मॉबिलिटी पर एक मसौदा ज्ञापन को अंतिम रूप दिया गया था। बताया गया था कि इस कदम से भारत और ताइपे के संबंध और बेहतर होंगे, लेकिन चीन किसी और देश के साथ ताइवान की नजदीकियां बढ़ते देख ले, ऐसा तो संभव ही नहीं है। चीन ने गलत सूचनाएं फैलानी शुरू कीं, जिसमें भारत को निगेटिव दिखाने में उसने कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि, ताइवान के ज्यादातर लोग इससे सहमत नहीं थे, जिसके कारण वहां के सोशल मीडिया पर इस बात को फैलाया जाने लगा कि अगर भारतीय मजदूर ताइवान जाते हैं तो वो ताइवानी मजदूरों की नौकरियां खा जाएंगे।
ताइवानी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
ताइवानी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर चल रहे 'फेक बवाल' को लेकर एक्स पर लिखा कि भारतीय मजदूरों को अपमानित करने वाली नस्लवादी टिप्पणियां हमारी राष्ट्रीय छवि को धूमिल करने और ताइवान-भारत संबंधों को तनावपूर्ण बनाने का एक कुटिल कदम है, लेकिन मिल्क-टी अलायंस में सद्भावना को नष्ट करने का प्रयास कभी सफल नहीं होगा।
आपको बता दें कि हम इसे 'फेक बवाल' इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि ताइवानी विदेश मंत्रालय ने इस पोस्ट के साथ सबूत के रूप में एक फोटो भी अटैच किया है, जिसमें साफतौर पर नजर आ रहा है कि सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट्स के जरिए चीनी प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है। मंत्रालय ने तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि फेक अकाउंट्स से किए गए पोस्ट साफ तौर पर सूचनाओं के साथ हेर-फेर करके लोगों को भड़काने की एक चाल है।
ताइवान के लिए क्यों जरूरी हैं प्रवासी मजदूर?
असल में, ताइवान की जनसंख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। अमेरिकी मीडिया में भी दावे किए जा रहे हैं कि साल 2025 तक ताइवान की जनसंख्या में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है। ऐसे में वहां की मैन्युफैक्चरिंग और एग्रीकल्चर सेक्टर में मजदूरों की मांग भी उसी रेट में बढ़ रही है और वहां के लोग मजदूरों की कमी को पूरा करने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। इसका समाधान ये है कि दूसरे देशों से मजदूरों की भर्ती की जाए। आपको बता दें कि पिछले कुल सालों में ताइपे और दिल्ली के बीच संबंध काफी मजबूत हुए हैं। इसे और आगे बढ़ाने के उद्देश्य के साथ ताइवानी सरकार ने भारत से मजदूरों की कमी की चिंता जाहिर की थी और भारत से मजदूरों को ताइवान बुलाने के लिए अपनी रुचि भी दिखाई थी।
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