भारत के लिए बेहद खास है RLV, फ्यूचर में ISRO के स्पेस अभियान के खर्च में लाएगा कमी
RLV LEX Succesfull Test: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को एक बड़ी मील का पत्थर हासिल किया। ISRO ने अपने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल RLV LEX (Landing experiment) का सफल परीक्षण किया। इस लॉन्च व्हीकल को बनाने में अधिकतर टूल्स स्वदेशी इस्तेमाल किया गया है। आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ा रहे ISRO के लिए यह टेस्टिंग भारत के लिए बड़ा कदम है।
RLV में इंटीग्रेटेड नेविगेशन सिस्टम, गाइडेंस और कंट्रोल सिस्टम के साथ बनाया गया है। यह लॉन्च व्हीकल भविष्य में भारत के स्पेस अभियान के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह लॉन्च व्हीकल भविष्य के स्पेस अभियानों के खर्च में काफी कमी कर देगा। इससे सैटेलाइट को भेजने के खर्च में काफी कमी आएगी।
ISRO के खर्च को करेगा कम
ISRO का नया रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल RLV LEX संगठन के भविष्य के लिए बेहद अहम होने जा रहा है। यह लॉन्च व्हीकल अंतरिक्ष तक पहुंचने के खर्चे को काफी कम कर देगी। अब तक RLV ने अपने शभी मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का महत्व जबरदस्त है। यह टेक्नोलॉजी की एक सीरीज के डेवलपमेंट और टेस्टिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो भविष्य में रीयूजेबल फ्लाइट को सक्षम करेगा। इसे NASA के स्पेस शटल मिशन के आधार पर तैयार किया गया है।
NASA का स्पेस शटल प्रोग्राम
RLV-TD NASA के अंतरिक्ष यान के समान है। यह हाइपरसोनिक ऑर्बिटल व्हीकल के लिए एक ऑप्टिमम डिजाइन है, जो कक्षा में जाकर, वापस लौट सकता है। अपोलो मिशन के बाद NASA ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का महत्व जारी किया और स्पेस शटल कार्यक्रम के साथ आया। 30 सालों के लिए, NASA ने अंतरिक्ष में 135 लॉन्च के साथ एक शटल फ्लीट का संचालन किया।
शटल अंतरिक्ष में माल पहुंचाने और वापस लौटने में सक्षम थे। ये विमान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण में सहायक थे।
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RLV का फ्यूचर मिशन
हाइपरसोनिक फ्लाइट एक्सपेरीमेंट (HEX) की सफलता के साथ, ISRO के पास भविष्य में और अधिक मिशनों की योजना है। इन मिशनों में Return to flight experiment (REX), Scramjet propulsion experiment (SPEX) शामिल है।
RLV LEX ने का सफल परीक्षण
आरएलवी ने इंटीग्रेटेड नेविगेशन, गाइडेंस और कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए सुबह 7:40 बजे एटीआर पर अपनी लैंडिंग की। बयान में कहा गया है, 'स्पेस री-एंट्री व्हीकल की लैंडिंग ठीक उसी हाई स्पीड, मानवरहित के साथ की गई थी, जैसे कोई वाहन अंतरिक्ष से आता है।' अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि LEX में कई स्वदेशी सिस्टम्स का इस्तेमाल किया गया है। इसमें लगे नेविगेशन सिस्टम, इंस्ट्रूमेंटेशन और सेंसर जैसे सिस्टम इसरो ने ही विकसित किए गए हैं।
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