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Published May 1, 2023 at 2:59 PM IST

'फांसी देनी है तो दे दीजिए, मगर खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ मत कीजिए' बोले WFI अध्यक्ष Brij Bhushan Sharan

Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के नामी पहलवानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। बृजभूषण के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों को लेकर WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने सफाई दी है। रिपब्लिक भारत से खास बातचीत में बृजभूषण शरण सिंह (brij bhushan sharan singh) ने कहा कि उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) कर रही है, सभी को जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट आ जाए तो फांसी पर लटका देना, मगर खेल को रोका ना जाए, टूर्नामेंट होते रहने चाहिए।

रिपब्लिक भारत ने पूरे विवाद पर बृजभूषण शरण सिंह से कई सवाल किए। एक्सक्लूसिव बातचीत में बृजभूषण ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस की जांच का इंतजार आपको भी करना चाहिए। जो धरना पर बैठे हैं, उनको भी इंतजार करना चाहिए। WFI अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें अभी तक दिल्ली पुलिस से कोई कॉल नहीं आई है और जब आएगी तो वो जरूर जांच में शामिल होंगे। 

प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों पर बृजभूषण का आरोप

बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि "मेरे पास सभी आए थे। बजरंग पुनिया अपनी पत्नी के साथ, साक्षी मल्लिक और विनेश फोगाट अपने पतियों के साथ आई थीं। वो चाहते थे कि कैंप में चयन हो। SAI के साथ बैठक थी। ये ना तो नेशनल लड़े और ना तो चोट की जानकारी दी। लेकिन मैंने कहा कि ये टॉप के खिलाड़ी हैं। हमने कहा कि टॉप स्किल से इनका नाम डाल दीजिए। ये 16 जनवरी की बात है। मैं अपने घर चला आया और 18 जनवरी को धरना शुरू हो गया।" उन्होंने कहा, "जब ये लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए और कोर्ट के निर्देशानुसार पुलिस में एफआईआर हो गयी तो पुलिस के निर्देशानुसार इनको जांच का वेट करना चाहिए था।" 

बृजभूषण ने सवाल पूछा कि कपिल सिब्बल जैसे 50 लाख फीस वाला वकील कहां से आया। उन्होंने आगे कहा, "जो पहलवान पहले बैठे थे, वो कहां गए? दीपक पूनिया, रवि दहिया, सोनम मलिक और अंशु जैसे खिलाड़ी अब क्या इनके समर्थन में हैं।"

मैं अपनी बात पर कायम हूं: WFI अध्यक्ष

WFI अध्यक्ष ने रिपब्लिक भारत से बातचीत में कहा, "मैं अपनी बात पर कायम हूं। इन लोगों को जांच का इंतजार करना चाहिए। इन लोगों के प्रदर्शन की वजह से काफी नुकसान हुआ है। ये कहते हैं कि इनका धरना कुश्ती को बचाने के लिए है, मगर इनकी वजह से जूनियर एशियन चैंपियनशिप भारत से चली गई और कजाकिस्तान में हुई। इनकी वजह से चलता हुआ एक नेशनल टूर्नामेंट रोक दिया गया और लड़कियों का कैंप जो लखनऊ में चल रहा था, उन्हें वापस जाना पड़ा। इनके कारण कैंप बंद है। खेल की गतिविधि 4 महीने से बंद हैं। इसके बाद एक कमेटी बनी। 3 महीने में जांच पूरी होने के बाद कमेठी भंग हो गई। कुश्ती से भी मैंने अपने आप को अलग कर लिया।''

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ मत कीजिए: बृजभूषण

बृजभूषण शरण सिंह ने बताया, "WFI की कमेटी ने आगे के टूर्नामेंटों को देखते हुए एक मीटिंग की थी और फिर से खेल की गतिविधि को शुरू किया था। ये लोग इसका विरोध कर रहे हैं।" बृजभूषण ने कहा कि जांच की रिपोर्ट आ जाए तो भले फांसी पर लटका दो। आपसे हाथ जोड़ता हूं कि मुझे फांसी दे दीजिए, लेकिन खेल होने दीजिए। चाहे कोई भी आयोजन कराए, लेकिन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ मत कीजिए।

बताते चलें कि टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जैसे स्टार पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने दे रहे हैं। पहलवानों का कहना है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे, जब तक कि उन्हें सलाखों के पीछे नहीं भेज दिया जाता। इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन को राजनीतिक समर्थन भी मिलने लगा है।

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