Parliament Winter Session: संसद में Sambit Patra के Indira Gandhi का नाम लेते ही बौखलाए कांग्रेसी !
संसद में शीतकालीन चर्चा जारी है। बीते सेशन में विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में खूब हंगामा मचाया था, लेकिन कल संसद में शत्र शांति के साथ शुरू हुआ। ऐसा इसलिए हो पाया क्योंकि कल संविधान पर चर्चा को लेकर सरकार और विपक्ष में सहमति बन गई थी। हालाकिं, इसके बाद आरोप लगना शुरू हो गए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान इंदिरा गांधी का नाम लेकर एक पुराने केस पर जिक्र करना शुरू कर दिया जिसके बाद विपक्ष ने विरोध करते हुए हंगामा कर दिया। दरअसल, संबित पात्रा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि वर्तमान समय में "फोन बैंकिंग" का दौर है, लेकिन इनका फोन बैंकिंग का तरीका ये था कि फोन उठाकर के इनके नेता बोलते थे कि लोन दे दो, बिना यह देखे कि वह लोन लौटेगा या नहीं। पात्रा ने इस संदर्भ में 1971 के नगरवाला केस का उदाहरण दिया, जिसमें इंदिरा गांधी के नाम पर एक बैंक शाखा को फोन कर 60 लाख रुपये देने का आदेश दिया गया था। संबित पात्रा ने कहा, ''आज फोन बैंकिंग का जमाना है। मगर इनका फोन बैंकिंग का तरीका ये था कि फोन उठाकर के इनके नेता बोलते थे कि लोन दे दो, वापस आएगा कि नहीं ये नहीं देखना है। फोन बैंकिंग का ये नतीजा है। उन्होंने 1971 का नगरवाला केस का जिक्र किया।'' उन्होंने बताया कि किसी ने इंदिरा गांधी के नाम से फोन किया था और एक बैंक की ब्रांच को कहा था 60 लाख रुपये दे दो। बैंक से निकालकर पैसे नगरवाला को दे दिया गया। उन्होंने कहा कि इंदिरा जी का नाम तो नहीं है पर क्लीन चिट भी नहीं मिली। ये बैंकिंग सिस्टम का सबसे बड़ा घोटाला है। बाद में इंदिरा गांधी का नाम हटाने का आदेश दिया गया।