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Published Dec 24, 2024 at 4:31 PM IST

'सरकार के बाबू...', खेल रत्न अवॉर्ड विवाद पर मनु भाकर के पिता रामकिशन का तीखा बयान; किसे लपेटा?

Manu Bhaker's Father Comment on Khel Ratna Controversy: भारत की होनहार और स्टार निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhaker) इस वक्त मीडिया की सुर्खियां बनी हुईं हैं, जिसकी वजह खेल रत्न अवॉर्ड की लिस्ट से उनका नाम गायब होना है। 

दावा किया जा रहा है कि नए साल पर दिए जाने वाले खेल रत्न अवॉर्ड के लिए 2024 पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) में दो-दो मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली युवा स्टार निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhaker) के नाम की सिफारिश नहीं की गई है, जिस पर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जो स्वभाविक भी है, क्योंकि मनु भाकर (Manu Bhaker) ने एक ही ओलंपिक में दो-दो मेडल जीतकर इतिहास रचा था।

मनु भाकर के पिता का तीखा बयान

22 साल की मनु भाकर ने खेलों के महाकुंभ ओलंपिक में निशानेबाजी में दो-दो मेडल जीतकर देश का सिर ऊंचा किया है। तब सबको मनु पर गर्व हो रहा था। उन्हें सम्मान दिए जा रहे थे, लेकिन अब खेलों के सबसे बड़े सम्मान में ही उनका नाम शामिल नहीं है। जाहिर तौर पर देशवासी इस बात से नाराज हैं। वहीं मनु के पिता रामकिशन भाकर, जो भारतीय नेवी में हैं, भी इस बात से भड़के हुए हैं। खेल रत्न अवॉर्ड सिफारिश में मनु का नाम न होने के बाद रामकिशन ने मीडिया में खुलकर बयान दिए हैं और अब उनका एक और बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने सरकारी बाबुओं को आड़े हाथों लिया है। 

क्या बोले रामकिशन भाकर?

हरियाणा की इस धाकड़ भारतीय निशानेबाज के पिता रामकिशन भाकर ने एक बयान में कहा- 

ये बेहद चौंकाने वाली बात है कि खेल समिति ने खेल रत्न अवॉर्ड की सिफारिश में मनु भाकर का नाम शामिल नहीं किया। इस पर कोई चर्चा नहीं की। अगर एक-दो पुराने खिलाड़ियों ने इस बारे में बात करने की कोशिश की तो खेल विभाग में बैठे बाबू ने ये कहकर चुप करा दिया कि नहीं-नहीं जिन्होंने आवेदन नहीं किया, उन पर चर्चा नहीं होगी। 

'सरकारी की छवि खराब कर रहे बाबू'

न्यूज एजेंसी ANI की ओर से जारी वीडियो में मनु भाकर के पिता ने कहा-

मुझे लगता है कि इस तरह के अधिकारी सरकार की छवि खराब करने की पूरी कोशिश करते हैं। हर कोई मानता है कि इन चीजों के लिए अधिकारियों की सजा तय है कि इन्हें खेल विभाग में भेज दो। मैं तो यही कहना चाहूंगा कि ऐसी कमेटी में मैं खेल के दिग्गज होने चाहिए। पीटी उषा है, अभिनव बिंद्रा, अंजू बॉबी जॉर्ज है, अंजलि भागवत है। इस तरह के खिलाड़ियों को लेना चाहिए, जिन्हें खेल का ज्ञान हो। न कि एक रिटायर आदमी को चेयरमैन बनाकर दो-चार बाबुओं को बोल दो और ऊपर से फरमान जारी करो। 

'अनदेखी करना हतोत्साहित करने जैसा'

2024 पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मनु भाकर के पिता ने कहा-

ये सही नहीं है। बाकी तो देशवासियों को ये पता है कि मनु ने 75 साल में इकलौता ऐसा कारनामा किया है, जो बहुत ही सराहनीय और बहुत बड़ा था, जिस पर देश को गर्व महसूस हो रहा था और इस तरह के अवॉर्ड से उसे नजरअंदाज करना, अनदेखी करना, कहीं न कहीं खेल को हतोत्साहित करने वाली बात है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। न कि इस तरह की कंट्रोवर्सी, जो सरकार के बाबू कर रहे हैं। वो नहीं करनी चाहिए। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो खेल मंत्रालय (Sports Ministry) की ओर से खेल रत्न अवार्ड के लिए जो लिस्ट तैयार की गई है, उसमें भारतीय मेंस हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार का नाम शामिल है, लेकिन मनु भाकर का नाम शामिल नहीं है, जो पेरिस ओलंपिक की सबसे सफल भारतीय एथलीट रहीं थी। मनु के पिता रामकिशन भाकर ने खेल मंत्रालय के उस दावे को भा खारिज किया है कि मनु भाकर ने इस सम्मान के लिए आवेदन नहीं किया।

ऐसा करने वाली आजाद भारत की पहली खिलाड़ी

बता दें कि मनु भाकर ने 2024 पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। मनु ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा और सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में कांस्य पदक अपने नाम किया था। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने इस मामले में खेल मंत्रालय से पुनर्विचार करने की अपील की है, हालांकि खेल मंत्रालय ने कहा है कि ये प्रारंभिक सूची है। अभी अंतिम लिस्ट जारी होनी है।

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