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पब्लिश्ड Jul 21, 2024 at 3:03 PM IST

Kargil War: जेब में था पत्नी का खत... जीते-जी नहीं पढ़ पाए, दुश्मनों ने चला दी ताबड़तोड़ गोलियां

Kargil Hero Major Rajesh Adhikari: 'सुनो जाने वाले लौट के आना, कोई राह देखे भूल ना जाना।' जब 1999 में कारगिल में छिड़ी जंग लड़ने भारतीय सेना के सिपाही घर से निकले होंगे तो जाहिर तौर पर उनके परिवार वालों के दिमाग में बस इतनी ही बातें चल रही होगी। लेकिन सैनिकों को उस समय सिर्फ एक ही आवाज सुनाई दे रही थी, 'सीमाए बुलाएं तुझे चल राही, सीमाए पुकारे सिपाही।'' कारगिल युद्ध में कई ऐसे नायक हुए जिन्होंने दुश्मनों के दांत खट्टे किए, लेकिन फिर वीरगति को प्राप्त हो गए। 26 जुलाई को भारत-पाकिस्तान कारगिल युद्ध के 25 साल हो जाएंगे। आइए आज बात करते हैं मेजर राजेश अधिकारी की, जो जंग के मैदान में घायल होकर भी शेर की तरह लड़े। हालांकि, एक मलाल जरूर रह गया होगा। जेब में पत्नी का खत रखा था, काश पढ़ लेते।

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