sb.scorecardresearch
पब्लिश्ड Jul 25, 2024 at 7:18 PM IST

क्यों आज भी शहीद बेटे के खून से सने पर्स को सीने से लगाए रोती है मां? | Kargil Hero Uday Mann Singh

करगिल युद्ध में 18 साल के ग्रेनेडियर उदयमान सिंह शहीद हो गए थे। आज भी उनकी मां अपने बेटे से आखिरी बातचीत को याद करके रो पड़ती हैं। करगिल युद्ध छिड़ने पर जब उनकी मां ने लौटने को कहा था तो वह बोले थे दुश्मन की गोली पीठ पर नहीं, सीने पर खानी है।अपने शहीद बेटे को याद करते हुए रो पड़ीं कांता देवी ने कहा कि उसके बाद मैं कुछ नहीं कह पाई और वह हमारी आखिरी बातचीत थी। 24वें करगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए लामोचन व्यू पॉइंट पहुंचीं कांता देवी ने बताया कि उन्होंने अभी भी अपने बेटे के गोलियों से छलनी बटुए को संभाल कर रखा हैं। बेटे के जाने के दुख में जार-जार रोतीं कांता देवी आगे कहती हैं, 'उसपर (बटुए) खून का निशान है और कुछ मुड़े-तुड़े से नोट रखे हैं। मैं चाहती हूं कि उस बटुए को मेरी चिता पर मेरे साथ जलाया जाए। एक मां के लिए अपने बेटे की मौत से बड़ा दुख नहीं होता है। उसे मेरी चिता को अग्नि देना था, लेकिन वह मुझसे पहले ही चला गया।

Follow: Google News Icon
  • share