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पब्लिश्ड 20:30 IST, January 16th 2025

इसरो ने ‘स्पेडेक्स’ मिशन के तहत उपग्रहों की ऐतिहासिक ‘डॉकिंग’ को सफलतापूर्वक अंजाम दिया

भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों की दिशा में उपलब्धि हासिल करते हुए इसरो ने स्पेडेक्स के तहत उपग्रहों की ऐतिहासिक ‘डॉकिंग’ को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

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 SpaDeX: ISRO Brings Satellites Within Three Metres in Trial Attempt
SpaDeX | Image: ISRO

भविष्य में भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए इसरो ने बृहस्पतिवार को ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ (स्पेडेक्स) के तहत उपग्रहों की ऐतिहासिक ‘डॉकिंग’ को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी घोषणा की कि ‘डॉकिंग’ के बाद एक ही वस्तु के रूप में दो उपग्रहों पर नियंत्रण स्थापित करने की प्रक्रिया भी सफल रही।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है। सुप्रभात भारत, इसरो के स्पेडेक्स मिशन ने ‘डॉकिंग’ में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। इस क्षण का गवाह बनकर गर्व महसूस हो रहा है।’’

‘चेजर’ और ‘टारगेट’ नामक उपग्रहों की सफल ‘डॉकिंग’ के साथ ही भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं।

अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ प्रौद्योगिकी तब आवश्यक होती है जब सामान्य मिशन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई रॉकेट प्रक्षेपणों की आवश्यकता होती है।

‘डॉकिंग’ प्रयोग चंद्रयान-4, गगनयान, अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री उतारने सहित भविष्य में देश के महत्वाकांक्षी अभियानों के सुचारू संचालन के लिए महत्वपूर्ण है।

गत अक्टूबर में, सरकार ने घोषणा की थी कि 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा, जिसे ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ के नाम से जाना जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘उपग्रहों की अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ के सफल प्रदर्शन के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को बधाई। यह आने वाले वर्षों में भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।’’

इसरो ने कहा, ‘‘ ‘डॉकिंग’ के बाद एक ही वस्तु के रूप में दो उपग्रहों पर नियंत्रण स्थापित करने की प्रक्रिया भी सफल रही। आने वाले दिनों में ‘अनडॉकिंग’ और ‘पावर ट्रांसफर’ परीक्षण किया जाएगा।’’

इसरो की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘बधाई इसरो। आखिरकार हमने कर दिखाया। स्पेडेक्स ने अविश्वसनीय कार्य किया है... ‘डॉकिंग’ पूरी हो गई है... और यह पूरी तरह स्वदेशी ‘भारतीय डॉकिंग प्रणाली’ है।’’

उन्होंने कहा कि इस सफलता से भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान 4 और गगनयान सहित भविष्य के महत्वाकांक्षी मिशन के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा।

सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निरंतर संरक्षण ने बेंगलुरु में इसरो के उत्साह को बढ़ाया है।’’

इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने भी मिशन को सफल बनाने वाली टीम को बधाई दी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस उपलब्धि के लिए इसरो को बधाई दी। खरगे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमें इसरो के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष इंजीनियरों के असाधारण काम पर बेहद गर्व है क्योंकि उन्होंने स्पेडेक्स मिशन के तहत उपग्रह ‘डॉकिंग’ को सफलतापूर्वक पूरा किया।’’

उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे वर्षों की मेहनत से तैयार किया गया है और यह राष्ट्र की सामूहिक उपलब्धि है।

इससे पहले 12 जनवरी को इसरो ने उपग्रहों को ‘डॉक’ करने के परीक्षण के तहत दो अंतरिक्ष यानों को तीन मीटर की दूरी पर लाकर और फिर सुरक्षित दूरी पर वापस भेजा था।

इसरो ने 30 दिसंबर, 2024 को ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पेडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक शुरू किया था।

दो छोटे उपग्रहों, एसडीएक्स01 (चेजर) और एसडीएक्स02 (टारगेट) को 24 पेलोड के साथ ले जाने वाले पीएसएलवी सी60 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण स्थल से उड़ान भरी थी और उड़ान भरने के करीब 15 मिनट बाद लगभग 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे अंतरिक्ष यानों को लक्षित तरीके से 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था।

इसरो के अनुसार, स्पेडेक्स मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यानों का उपयोग कर अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ के लिए एक किफायती प्रौद्योगिकी मिशन है जिसे पीएसएलवी के जरिये प्रक्षेपित किया गया था।

अपडेटेड 20:30 IST, January 16th 2025