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पब्लिश्ड 14:06 IST, June 23rd 2024

ISRO का नया कीर्तिमान, रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल 'पुष्पक' की लगातार तीसरी बार सफल लैंडिंग

इसरो ने Landing EXperiment में रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का तीसरा और फाइनल टेस्ट कर्नाटक के चित्रदुर्ग में सुबह 7.10 बजे किया, जो सफल रहा है।

Reported by: Digital Desk
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ISRO Reusable Launch Vehicle Pushpak
ISRO Reusable Launch Vehicle Pushpak | Image: X

ISRO Reusable Launch Vehicle Landing: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। रविवार को इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल 'पुष्पक' सफल लैंडिंग कराई है। ये तीसरी और फाइनल टेस्टिंग थी, जिसमें इसरो के 'पुष्पक विमान' ने बेहतरीन काम किया है। इसके साथ ही इसरो ने ऑर्बिटल रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल आरएलवी-ओआरवी में एंट्री ले ली है।

इसरो ने ​​लेक्स (Landing EXperiment) में रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का तीसरा और फाइनल टेस्ट कर्नाटक के चित्रदुर्ग में सुबह 7.10 बजे किया। 'पुष्पक' नाम के व्हीकल को भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से 4.5 किमी की ऊंचाई पर छोड़ा गया। रनवे से 4.5 किमी दूर एक रिलीज पॉइंट से 'पुष्पक' व्हीकल ने ऑटोमैटिक तरीके से काम करते हुए मिशन को अंजाम दिया। 'पुष्पक' व्हीकल रनवे के पास पहुंचा और रनवे सेंटरलाइन पर एक सटीक लैंडिंग की।

'पुष्पक' व्हीकल ने ऐसे मिशन को अंजाम दिया

इसरो के मुताबिक, 'पुष्पक' व्हीकल की लैंडिंग गति 320 किमी प्रति घंटे से अधिक थी, जबकि एक कमर्शियल विमान के लिए ये 260 किमी प्रति घंटे और एक सामान्य फाइटर जेट के लिए 280 किमी प्रति घंटे थी। टचडाउन के बाद 'पुष्पक' व्हीकल की गति को उसके ब्रेक पैराशूट का उपयोग करके लगभग 100 किमी प्रति घंटे तक कम कर दिया गया था, जिसके बाद रनवे पर उसे रुकने के लिए लैंडिंग गियर ब्रेक का इस्तेमाल किया गया था।

इस मिशन ने अंतरिक्ष से लौटने वाले व्हीकल के लिए दृष्टिकोण और लैंडिंग इंटरफेस और हाई स्पीड वाली लैंडिंग स्थितियों को दोहराया है। उल्लेखनीय रूप से RLV-LEX मल्टीसेंसर फ्यूजन का उपयोग करता है, जिसमें इनर्शियल सेंसर, रडार अल्टीमीटर, फ्लश एयर डेटा सिस्टम, स्यूडोलाइट सिस्टम और NavIC जैसे सेंसर शामिल हैं।

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अपडेटेड 14:06 IST, June 23rd 2024