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पब्लिश्ड 20:21 IST, December 31st 2023

2023 में AI का मुख्यधारा में प्रवेश, भारत डेटा गोपनीयता और सुरक्षा पर सख्त हुआ 

वर्ष 2023 में प्रौद्योगिकी का विकास अभूतपूर्व रफ्तार से हुआ। इस दौरान भारत ने डेटा गोपनीयता और भंडारण पर नए कानून बनाए।

the Power of Artificial Intelligence
एआई का मुख्यधारा में प्रवेश | Image: ANI

वर्ष 2023 में प्रौद्योगिकी का विकास अभूतपूर्व रफ्तार से हुआ। इस दौरान भारत ने डेटा गोपनीयता और भंडारण पर नए कानून बनाए। इसके साथ ही उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और बड़ी कंपनियों के लिए अनुपालन ढांचे को परिभाषित करने के लिए सख्ती बढ़ाई गई। वर्ष 2023 में कृत्रिम मेधा (AI ) को लेकर उत्साह और आश्चर्य के बीच ओपनएआई के चैटजीपीटी की लोकप्रियता और डीपफेक पर भारत की कार्रवाई ने सभी का ध्यान खींचा।

भारत ने डिजिटल संप्रभुता पर जोर दिया और सोशल मीडिया तथा बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर सख्ती की। डिजिटल क्षेत्र में उभर रहे नए जोखिमों से 'नेटिजन्स' को सुरक्षित रखने का भारत का संकल्प स्पष्ट था। सरकार निर्णायक रूप से नियमों और कानूनों को तैयार करने के लिए आगे बढ़ी।

इस तरह भविष्य के लिए एक ऐसा ढांचा तैयार हुआ, जो भारत में न केवल डिजिटल व्यक्तिगत डेटा की रक्षा करेगा, बल्कि डिजिटल और सोशल मीडिया मंचों के लिए सख्त जवाबदेही तय करके एक मुक्त, सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट भी सुनिश्चित करेगा।

रश्मिका मंदाना सहित चर्चित हस्तियों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने सोशल मीडिया मंचों के साथ सख्ती से बात की। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि किसी भी अनुपालन विफलता से सख्ती से निपटा जाएगा और कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।

वैश्विक स्तर पर, व्यापक आर्थिक संकट और वृद्धि संबंधी चुनौतियों ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर दबाव बनाया। ऐसे में इन कंपनियों ने खर्च में कटौती की और 2023 की शुरुआत में बड़े पैमाने पर छंटनी का सहारा लिया। छोटी अवधि के वीडियो की बढ़ती लोकप्रियता और हर अवसर के अनुरूप ऐप तथा मीम्स के चलन से सोशल मीडिया में हलचल जारी रही।

एलन मस्क ने सोशल मीडिया मंच ट्विटर का नाम बदलकर जुलाई, 2023 में ‘एक्स’ कर दिया। मेटा ने ट्विटर के मुकाबले एक ऐप ‘थ्रेड्स’ की पेशकश की, हालांकि इसे बहुत सफलता नहीं मिल सकी। 

भारत में संसद ने अगस्त में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (डीपीडीपी) को मंजूरी दी। इसका मकसद 1.4 अरब नागरिकों के डिजिटल व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करना और भारत की डिजिटल संप्रभुता बनाए रखना है। इस साल कंटेंट या सामग्री की जवाबदेही तय करने और नैतिकता के सवालों का सामना दुनियाभर की सरकारों ने किया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एआई मुख्यधारा में आ गया।

अपडेटेड 20:21 IST, December 31st 2023