पब्लिश्ड 17:22 IST, June 30th 2024
अंतरिक्ष में खोले जाएंगे डिजिटल डाटा सेंटर,सूर्य की रोशनी से होगा संचालित; भविष्य को करेगा सुरक्षित!
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बढ़ते इस्तेमाल से बढ़ते डाटा को सुरक्षित रखने के लिए यूरोप अंतरिक्ष में डिजिटल गोदाम खोलने की तैयारी में लगा है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बढ़ते इस्तेमाल से बढ़ते डाटा को सुरक्षित रखने के लिए यूरोप अंतरिक्ष में डिजिटल गोदाम खोलने की तैयारी में लगा है। इसके लिए यूरोपीय कंपनी एसेंड ने 21 लाख डॉलर खर्च कर स्टडी की है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक ये डाटा सेंटर अंतरिक्ष में सूर्य की रोशनी से संचालित होगा। एसेंड के प्रोजेक्ट मैनेजर डेमियन डमेस्टियर के मुकाबिक, अंतरिक्ष में डाटा सेंटर के लिए करीब 16 महीने की रिसर्च के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि ये डाटा सेंटर अंतरिक्ष में पृथ्वी से करीब 1400 किलोमीटर दूर होगा जो कि इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन (International Space Station) के मुकाबले करीब तीन गुना होगा। आईएसएस पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर दूर है।
2050 तक 1300 डाटा सेंटर बनाने की तैयारी
प्रोजेक्ट मैनेजर के मुताबिक, एसेंड अंतरिक्ष में 13 डाटा सेंटर खोलेगी जिनकी क्षमता साल 2036 तक 10 मेगावाट होगी। सभी सेंटर की सहत का एरिया 3600 वर्ग मीटर होगा। कंपनी साल 2050 तक 1300 डाटा सेंटर बनाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में रोजाना औसतन 402.74 मिलियन टेराबाइट डाटा पैदा हो रहा है जिसे भविष्य में सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती होगा।
पृथ्वी के लिए क्यों जरूरी है अंतरिक्ष में डिजिटल गोदाम
एसेंड ने ये स्टडी यूरोपियन कमीशन के सहयोग से की है जिसका मकसद भविष्य में पृथ्वी को ऊर्जा से होने वाले उत्सर्जन से बचाना है। अंतरिक्ष में डाटा सेंटर की योजना तकनीकी, आर्थिक और पर्यावरण के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। अंतरिक्ष में डाटा सेंटर के सूरज की रोशनी से चलने के विकल्पों की खोज की जा रही है।
अंतरिक्ष की विकल्प क्यों?
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (International Energy Agency) पृथ्वी के डाटा सेंटर पर हर घंटे एक हजार टेरावॉट बिजली की खपत होगी। ऐसे में पृथ्वी पर उत्सर्जन बढ़ेगा। अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा से डाटा सेंटर चलने से पृथ्वी के लिए तय नेट जीरो कार्बन के लक्ष्य को हालिस करने में भी मदद मिलेगी।
अपडेटेड 17:22 IST, June 30th 2024