पब्लिश्ड 18:33 IST, June 20th 2024
VIDEO: मोदी 3.0 में बड़ी सफलता, एफिल टावर से भी ऊंचे ब्रिज पर दौड़ी ट्रेन; किन लोगों को होगा फायदा?
जम्मू कश्मीर को दुनिया विकास की नई राह पर दौड़ते देख रही है ठीक उस ट्रेन की तरह जो ऊंचे से ब्रिज पर दौड़ रही है, पुल जो एफिल टावर से भी ऊंचा बताया जा रहा है!
Chenab Railway Bridge: मोदी 3.0 में दुनिया इंजीनियरिंग का चमत्कार धरती के स्वर्ग पर होता देखेगी। कदम बढ़ चले हैं। दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्क ब्रिज (Arch Bridge) तैयार है। खासियतें इतनी की गिनती ही खत्म न हो।
संगलदान से रियासी के लिए दस डिब्बों वाली रेलगाड़ी का ट्रायल रन हुआ। वीडियो सामने आया है जिसमें ऊंची घाटियों के बीच से धड़धड़ाती हुई ट्रेन आगे बढ़ रही है।
चमत्कार को सलाम
इसे चमत्कार न कहें तो और क्या कहें। रियासी जिले में स्थित चिनाब पुल को दुनिया का सबसे ऊंचा पुल यूं ही नहीं कहा जा रहा!ये पेरिस स्थित एफिल टावर से भी भी 35 मीटर ऊंचा है। नदी तल से 359 मीटर यानि 1,178 फीट ऊपर स्थित है।
पुल की कुल लंबाई 1,315 मीटर है जबकि पुल को 1,486 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है। 2004 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था। कई बार ऐसा भी हुआ कि सुरक्षा कारणों की वजह से काम पर विराम भी लगाया गया। ब्रिज 260 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति को सहने की क्षमता रखता है और इसे गढ़ने में 30,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।
और आर्क ब्रिज पर दौड़ी विकास की ट्रेन
दुनिया के सबसे ऊंचे आर्क ब्रिज (Chenab Rail Bridge) पर पहली बार ट्रेन चली। ब्रिज जीवनदायिनी चिनाब नदी के ऊपर बनाया गया है। ये रियासी रेल लाइन को संगलदान से जोड़ता है। 16 जून को ही इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन को दौड़ाया गया। अगले चार से पांच महीनों में रियासी से संगलदान के बीच रेल सफर शुरू होने की उम्मीद है।
रेल मंत्री ने किया अपडेट
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संगलदान से रियासी तक इलेक्ट्रिक इंजन के सफल परीक्षण की घोषणा की, जिसमें चिनाब पुल को पार करना भी शामिल था। एक्स पर अपने पोस्ट में, वैष्णव ने कहा, "सांगलदान से रियासी तक पहली ट्रायल ट्रेन सफलतापूर्वक चली, जिसमें चिनाब पुल को पार करना भी शामिल है। यूएसबीआरएल के लिए सभी निर्माण कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं।
परियोजना के पूरा होने के करीब होने के कारण, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस), डी सी देशवाल 27 और 28 जून को 46 किलोमीटर लंबे संगलदान-रियासी खंड का निरीक्षण करने वाले हैं। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि निरीक्षण से पहले सभी आवश्यक कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
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अपडेटेड 18:37 IST, June 20th 2024