पब्लिश्ड 18:09 IST, May 21st 2024
Paris Olympic से पहले WFI का बड़ा फैसला, नहीं होगा सेलेक्शन ट्रायल; विनेश फोगाट को झटका
आगामी पेरिस ओलंपिक से पहले भारतीय कुश्ती महासंघ ने बड़ा फैसला लेते हुए कोटा विजेता पहलवानों के लिए सेलेक्शन ट्रायल न कराने का ऐलान किया है।
Paris Olympic 2024: दुनिया के सबसे बड़े खेल इवेंट ओलंपिक के आगाज में अब बस कुछ ही समय बचा है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाले 2024 ओलंपिक को लेकर दुनियाभर के एथलीटों की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच भारत से बड़ी खबर सामने आई है।
दरअसल भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने आगामी पेरिस ओलंपिक से पहले बड़ा फैसला लिया है। WFI ने मंगलवार को ओलंपिक से पहले सेलेक्शन ट्रायल न कराने का ऐलान किया है। WFI के इस फैसले से भारतीय स्टार पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) को बड़ा झटका लगा है।
WFI ने दी सेलेक्शन ट्रायल से छूट
WFI ने ओलंपिक कोटा विजेता सभी 6 पहलवानों को सेलेक्शन ट्रायल से छूट दे दी है, लेकिन उनके फॉर्म और फिटनेस का आकलन आगामी रैंकिंग सीरिज टूर्नामेंट और हंगरी में अभ्यास शिविर में होगा। WFI ने कहा कि ये विशेष परिस्थितियों में लिया गया फैसला है और इसे भविष्य के लिए परिपाटी नहीं माना जाना चाहिए। WFI ने ये भी कहा कि अगर किसी भी पहलवान की फिटनेस में कमी पाई गई तो WFI 8 जुलाई से पहले ट्रायल के जरिए विकल्प के बारे में सोचेगा। प्रविष्टियां भेजने की आखिरी तारीख 8 जुलाई है।
विनेश फोगाट को कैसे लगा झटका?
बता दें कि WFI के इस फैसले से विनेश फोगाट को झटका लगा है। दरअसल भारत ने पेरिस ओलंपिक के लिए 6 कोटा हासिल किए हैं, जिनमें अमन सेहरावत (57 किलो) अकेले पुरुष पहलवान हैं। बाकी विनेश फोगाट (50 किलो), अंतिम पंघाल (53 किलो), अंशु मलिक (57 किलो), निशा दहिया (68 किलो) और रीतिका हुड्डा (76 किलो) ने भी क्वालीफाई किया है। यहां विनेश फोगाट की उम्मीद इसलिए टूटी है, क्योंकि वो पेरिस ओलंपिक में 53 किलोग्राम भार वर्ग में कुश्ती करना चाहती थीं, लेकिन अब उन्हें 50 किलो श्रेणी में ही चुनौती रखनी होगी।
पहलवानों ने किया था अनुरोध
दरअसल कई पहलवानों ने WFI से अब सेलेक्शन ट्रायल न कराने का अनुरोध किया था। उनका कहना था कि इससे चोट का खतरा हो सकता है। WFI प्रमुख संजय सिंह (Sanjay Singh) की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने पहलवानों की इस अपील को स्वीकार कर लिया है।
WFI चीफ संजय सिंह का बयान
संजय सिंह ने बैठक के बाद पीटीआई से कहा-
हमने इस मसले पर बात की और दोनों मुख्य कोचों का कहना था कि ट्रायल से चोट का खतरा होगा, जिससे भारत की पदक उम्मीदों पर विपरीत असर पड़ सकता है। इसी वजह से हमने ट्रायल न कराने का फैसला लिया है।
कोटा विजेता पहलवान बुडापेस्ट में 6 से 9 जून तक UWW रैंकिंग सीरिज में भाग लेंगे। इसके बाद 10 से 21 जून तक अभ्यास शिविर लगाया जाएगा। संजय सिंह ने इस पर कहा-
हम ये सुनिश्चित करेंगे कि किसी पहलवान को चोट ना लगे, इसलिए ट्रायल की जगह भारतीय कोच कोटा विजेताओं का आकलन रैंकिंग सीरिज टूर्नामेंट और अभ्यास शिवर में करेंगे। अगर कोई फिट नहीं है तो उसके विकल्प पर विचार किया जा सकता है। हम 8 जुलाई से पहले उस वर्ग में सेलेक्शन ट्रायल का आयोजन करेंगे।
WFI के इस फैसले के साथ ही टोक्यो ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया (57 किलो ) और सरिता मोर ( 57 किलो ) के लिए भी रास्ते बंद हो गए, जो ट्रायल की तैयारी कर रहे थे। सेलेक्शन कमेटी की बैठक में महिला टीम के मुख्य कोच वीरेंदर दहिया और फ्रीस्टाइल मुख्य कोच जगमंदर सिंह भी मौजूद थे। लंदन ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त, पूर्व पहलवान गीतिका जाखड़, WFI उपाध्यक्ष और ओलंपियन जय प्रकाश, कोषाध्यक्ष संदीप देशवाल ने भी बैठक में भाग लिया। गीतिका वीडियो कॉल के जरिए बैठक में जुड़ीं।
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अपडेटेड 18:13 IST, May 21st 2024