sb.scorecardresearch

Published 18:08 IST, September 26th 2024

शतरंज संयोग से हुआ, लेकिन यह एक सुखद संयोग था: विदित गुजराती

ग्रैंडमास्टर विदित गुजराती बचपन में हर भारतीय बच्चे की तरह क्रिकेटर बनने का सपना देखते थे लेकिन संयोग से उनकी दिलचस्पी शतरंज में होने लगी और अब उन्हें लगता है कि यह ‘बहुत सुखद संयोग’ था।

Follow: Google News Icon
  • share
Vidit Gujrathi
Vidit Gujrathi | Image: chess.com

Chess: ग्रैंडमास्टर विदित गुजराती बचपन में हर भारतीय बच्चे की तरह क्रिकेटर बनने का सपना देखते थे लेकिन संयोग से उनकी दिलचस्पी शतरंज में होने लगी और अब उन्हें लगता है कि यह ‘बहुत सुखद संयोग’ था।

गुजराती हाल में बुडापेस्ट में ओलंपियाड में ओपन वर्ग में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पांच सदस्यीय भारतीय पुरुष टीम का हिस्सा थे। यह उपलब्धि और भी यादगार बन गई क्योंकि भारतीय महिला टीम ने भी स्वर्ण पदक जीता।

गुजराती ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं शतरंज में संयोग से आया। जब मैं छह साल का था तो बहुत शरारती था। मेरे माता-पिता मुझे किसी गतिविधि में शामिल करना चाहते थे। मैं हर भारतीय बच्चे की तरह क्रिकेट खेलता था। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह मुझे एक क्लब में ले गए और वहां सीजन बॉल के साथ क्रिकेट खेला जाता था। इसलिए मेरे पापा ने कहा कि एक साल रुक जाओ और फिर क्रिकेट खेलो। तब तक कोई दूसरा खेल चुनो। इसलिए मैंने शतरंज खेलना शुरू कर दिया। ’’

ये भी पढ़ें- बाजियों के नतीजों से प्रभावित नहीं होने से मदद मिली : अर्जुन एरिगेसी | Republic Bharat

Updated 18:08 IST, September 26th 2024