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Published 08:59 IST, September 2nd 2024

सारे जहां से प्यारी भारत की बेटी... पैरालंपिक 2024 में छा गईं प्रीति, डबल मेडल जीतकर रचा इतिहास

Preethi Pal: प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में इतिहास रच दिया है। इतने संघर्षों से जूझने वाली प्रीति के लिए ये मेडल क्यों इतना मायने रखता है।

Reported by: Sakshi Bansal
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Preethi Pal
प्रीति पाल ने डबल मेडल जीतकर रचा इतिहास | Image: X

Preethi Pal: प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक 2024 (Paris Paralympics) में इतिहास रच दिया है। उन्होंने रविवार को 30.01 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ महिलाओं की 200 मीटर टी35 श्रेणी में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया। बता दें कि ये इस पैरालंपिक में उनका दूसरा मेडल है। उनका ब्रॉन्ज मेडल पेरिस में भारत का दूसरा पैरा एथलेटिक्स मेडल भी है।

उन्होंने शुक्रवार को पैरालंपिक ट्रैक स्पर्धा में भारत का पहला एथलेटिक्स मेडल जीता था। उन्होंने महिलाओं की टी35 100 मीटर कंपटीशन में 14.21 सेकंड के पर्सनल रिकॉर्ड के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता था। हालांकि, क्या आपको पता है कि पेरिस पैरालंपिक में इतिहास रचने वाली प्रीति पाल के लिए ये जीत इतनी अहम क्यों है। इतने संघर्षों से जूझने वाली प्रीति के लिए ये मेडल क्यों इतना मायने रखता है।

प्रीति पाल ने डबल मेडल जीतकर रचा इतिहास

बता दें कि टी35 में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसी समन्वय संबंधी विकार होते हैं। उनमें सोशल मीडिया के जरिए पैरालंपिक खेलों को देखकर रुचि जागी थी। छह साल पहले एक वीडियो ने उनकी किस्मत ही बदल दी और आज वो ट्रैक और फील्ड में मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन कर रही हैं।

प्रीति पाल का जन्म यूपी के मुजफ्फरनगर में हुआ था। किसान परिवार में पैदा हुईं प्रीति को जन्म लेने के 6 दिन बाद ही दिक्कत होने लगी और उनके शरीर के निचले हिस्से को प्लास्टर में बांधना पड़ा। उनके पैर काफी कमजोर थे और पैरों की अनियमित मुद्रा के कारण उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कई इलाज भी करवाए और फिर 5 साल की उम्र में उन्होंने कैलीपर्स पहनना शुरू कर दिया। 8 साल तक इसे पहनती रहीं। 

17 साल की उम्र में ऐसे बदली प्रीति पाल की जिंदगी

जब वो 17 साल की हुईं तो एक सोशल मीडिया वीडियो ने उनकी जिंदगी बदल ली। उन्होंने ऑनलाइन पैरालंपिक गेम्स देखे तो उनका नजरिया बदलने लगा। उन्हें पता लगा कि अब भी वो अपने सपने पूरे कर सकती हैं। उन्होंने स्टेडियम में प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया। फिर उनकी मुलाकात पैरालंपिक एथलीट फातिमा खातून से हुई, जिन्होंने उन्हें पैरा-एथलेटिक्स से परिचित कराया। 

फातिमा के सपोर्ट से, प्रीति ने 2018 में राज्य पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया और फिर कई नेशनल कंपटीशन में अपना टैलेंट दिखाया। उनकी कड़ी मेहनत तब सफल हुई जब उन्होंने एशियाई पैरा गेम्स 2022 के लिए क्वालीफाई किया, जहां वो 100 मीटर और 200 मीटर दोनों स्प्रिंट में चौथे स्थान पर रहीं।

प्रीति पाल ने इन कंपटीशन में लहराया परचम

वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024- ब्रॉन्ज मेडल
एशियन पैरा गेम्स 2022-2023 - चौथा स्थान
इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स इंटरनेशनल चैंपियनशिप 2024- 2 गोल्ड मेडल

नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2024 - 2 गोल्ड मेडल

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Updated 08:59 IST, September 2nd 2024