Published 20:51 IST, December 11th 2024
अगले साल संसद के बजट सत्र में खेल विधेयक लाने के इच्छुक: मनसुख मांडविया
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि सरकार संसद के बजट सत्र में खेल विधेयक लाने की इच्छुक है और कुछ मानदंडों में बदलाव करने के लिए तैयार है।
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि सरकार संसद के बजट सत्र में खेल विधेयक लाने की इच्छुक है और कुछ मानदंडों में बदलाव करने के लिए तैयार है ताकि ज्यादा से ज्यादा भारतीय खेल प्रशासक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में बड़ी भूमिकाएं हासिल कर सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं खेलों को नुकसान नहीं होने देना चाहता। 95 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि खेल विधेयक आए। हां, कुछ एनएसएफ (राष्ट्रीय खेल महासंघ) की ओर से कुछ छोटी आपत्तियां हैं, जिनका हम ध्यान रखेंगे। ’’
मीडिया से बातचीत में मांडविया ने कहा, ‘‘70 वर्ष की आयु के प्रावधान में कुछ अनुच्छेद हैं जिन पर हमें विचार करने की जरूरत है। उदाहरण के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर रणधीर सिंह जैसे व्यक्ति को तालमेल बनाने के लिए 50 साल लगे। उन्होंने इतने सालों तक काम किया और अब वे एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) के अध्यक्ष बन गए हैं। ’’
ओसीए प्रमुख बनने के तुरंत बाद सिंह ने सरकार से अपनी नीति पर फिर से विचार करने को कहा था जिसके तहत चुने हुए खेल महासंघों के अधिकारियों का कार्यकाल चार-चार साल के तीन कार्यकाल तक सीमित है।
उन्होंने कहा कि यह भारतीय खेल प्रशासकों के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में बड़ी भूमिकाएं हासिल करने की राह में बड़ी बाधा है। सिंह ने कहा था कि किसी खेल प्रशासक के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए 12 साल का समय बहुत कम है।
खेल संहिता के अनुसार एक एनएसएफ प्रमुख अधिकतम 12 साल या चार-चार साल के तीन कार्यकाल तक पद पर रह सकता है। इसके अलावा एनएसएफ के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पद से हट जाते हैं।
खेल मंत्री ने कहा, ‘‘अगर मैं इस (सिंह के सुझाव) पर विचार नहीं करता तो भारत से कोई भी अंतरराष्ट्रीय खेल में योगदान नहीं दे सकता। इसलिए जो कोई भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर है, उस पर 70 साल का नियम लागू नहीं होता।’’
Updated 20:51 IST, December 11th 2024